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लोकसभा चुनाव 2024 में सफलता के लिए बीजेपी छोटे दलों पर निर्भर, राजभर-निषाद, कुर्मी और जाट वोट बैंक पर नजर

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी दलों ने तैयारियां तेज कर दी हैं. माना जा रहा है कि घोसी उपचुनाव में भाजपा को क्षत्रियों और भूमिहार समाज का वोट नहीं मिल सका है. वहीं आगामी चुनाव को लेकर पार्टी की क्या तैयारी है? पढ़ें पूरी खबर.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 8, 2023, 5:19 PM IST

वरिष्ठ संवाददाता ऋषि मिश्रा की खास रिपोर्ट

लखनऊ :उत्तर प्रदेश में छोटे दलों के जाति आधारित गुट भारतीय जनता पार्टी पर भारी पड़ रहे हैं, इसलिए बिना उनका सहयोग लिए भाजपा चुनाव में नहीं उतरती. अपने दल में अनिल राजभर को मंत्री बनने के बावजूद भाजपा को ओमप्रकाश राजभर का सहयोग लेना पड़ा. कई निषाद नेता होने के बावजूद भाजपा को निषाद वोट बैंक के लिए डा. संजय निषाद के साथ जाना पड़ा. स्वतंत्र देव सिंह जैसे कुर्मी नेता होने के बावजूद कुर्मी वोटों के लिए भाजपा अनुप्रिया पटेल के सहारे है. माना जा रहा है कि इसी तरह लंबे समय से बीजेपी से नाराज चल रहे जाट वोट बैंक को बचाने के लिए बीजेपी भविष्य में जयंत चौधरी पर भरोसा कर सकती है.

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का सफर

बात घोसी उपचुनाव की की जाए तो भारतीय जनता पार्टी को क्षत्रियों और भूमिहार समाज का वोट नहीं मिल सका है, जबकि भूमिहार वोटों को आकर्षित करने के लिए भरसक प्रयास किया गया था. इसके अलावा क्षत्रिय नेताओं की फौज भी भाजपा ने इलाके में खड़ी कर दी थी. यही नहीं भारतीय जनता पार्टी को पूर्वांचल में अपनी जीत के लिए सुहेलदेव समाज पार्टी और निषाद पार्टी पर निर्भर रहना पड़ता है. ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव समाज पार्टी के साथ न होने की वजह से 2022 में पूर्वांचल में भाजपा को काफी नुकसान हुआ था, जबकि निषाद पार्टी के भाजपा के साथ होने की वजह से गोरखपुर और उसके आसपास की सीटों पर भाजपा काफी लाभ में रही थी. बात कुर्मी वोटों की की जाए तो पूरे प्रदेश में कुर्मी जाति की बाहुल्य सीटों पर अपना दल सोनेलाल भारतीय जनता पार्टी को जबरदस्त मदद देती है. जिसकी नेता अनुप्रिया पटेल हैं. भारतीय जनता पार्टी में स्वतंत्र देव सिंह जैसे बड़े कुर्मी नेता मौजूद हैं, लेकिन इस वर्ग का वोट पाने के लिए भाजपा को अनुप्रिया पटेल का सहारा है.


पश्चिम उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो जाट वोट भाजपा को 2017 में जमकर मिला था. तब भारतीय जनता पार्टी मुजफ्फरनगर दंगों की प्रतिक्रिया स्वरूप जाटों की प्रिय पार्टी बन गई थी, लेकिन यह लाभ 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को नहीं मिला. इस क्षेत्र में जाटों ने राष्ट्रीय लोकदल और सपा के गठबंधन को जमकर वोट किया. भारतीय जनता पार्टी के पास संजीव बालियान, सतपाल मलिक और ऐसे ही कई अन्य महत्वपूर्ण जाट नेता हैं. इसके बावजूद लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा की राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन होने की पूरी उम्मीद की जा रही है. माना जा रहा है कि भाजपा को लोकल का समर्थन मिलने के बाद ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उसको जाट वोट बड़ी संख्या में मिल सकेगा.

2022 में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम
भारतीय जनता पार्टी 255
समाजवादी पार्टी 111
अपना दल (एस) 12
राष्ट्रीय लोक दल 08
सुभासपा 06
निषाद पार्टी 6
राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी 02
जनसत्ता दल (लो) 02
बहुजन समाज पार्टी 01

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक विजय उपाध्याय ने बताया कि 'भारतीय जनता पार्टी में संघ की पृष्ठभूमि है. ऐसे में पार्टी को जातिवादी राजनीति का प्रशिक्षण कभी नहीं मिलता. इसलिए छोटी जातियों की राजनीति करने के लिए अन्य दलों से सहयोग लेना पड़ता है. खुद के बड़े नेता होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी के नेता जातियों का वोट नहीं खींच पाते हैं.'

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अशोक पांडेय ने बताया कि 'हम सभी वर्गों की राजनीति करते हैं. जातियों की बात हम नहीं करते. हमारे सहयोगी दल हमारे साथ विचारधारा के आधार पर जुड़ते हैं, हमारी लगातार हो रही जीत बताती है कि हमको सभी वर्गों का पूरा समर्थन मिल जाता है.'

2017 में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम
भारतीय जनता पार्टी 312
समाजवादी पार्टी 47
बहुजन समाज पार्टी 19
अपना दल (एस) 09
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी 07
सुभासपा 04
निर्दलीय 03
राष्ट्रीय लोक दल 01
निषाद पार्टी 01


- निषाद पार्टी ने राज्य में 2022 में 16 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे और वह कुल 11 सीट जीतने में कामयाब रही. जिसमें से निषाद पार्टी अपने सिंबल पर 6 और बीजेपी के सिंबल पर पांच सीटें जीतने में सफल रही. निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय निषाद हैं. उनके पुत्र प्रवीण निषाद सांसद हैं.

- अनुप्रिया पटेल की अपना दल सोनेलाल पार्टी लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है और भारतीय जनता पार्टी के साथ 2014 में जुड़ी थी. जिसकी राष्ट्रीय संयोजक अनुप्रिया पटेल रोहनिया से सांसद हैं. वह केंद्रीय मंत्री हैं, जबकि उनके पति आशीष पटेल उत्तर प्रदेश में तकनीकी शिक्षा मंत्री हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव में अपना दल ने 12 सीटों पर जीत हासिल की थी.

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