रांची : भारतीय जनता पार्टी एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने देश के किसी भी हिस्से में रहने वाले आदिवासी को प्रत्येक राज्य में अनुसूचित जनजाति आरक्षण का लाभ देने का प्रस्ताव पारित किया है. मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की रांची में जारी बैठक में शनिवार को केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री विशेश्वर टुडू और केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते की उपस्थिति में पारित इस प्रस्ताव में कहा गया है कि आदिवासी चाहे जिस भी राज्य का रहनेवाला हो, उसे दूसरे राज्यों में भी समान रूप से जनजातीय आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए. इसके पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक का उद्घाटन केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने किया था. बैठक में केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के राज्य मंत्री जॉन बारला, मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद समीर उरांव, पूर्व कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, त्रिपुरा के उपमुख्यमंत्री विष्णुदेव बह्मा, सांसद दिलीप सैकिया सहित देश भर के 200 से ज्यादा जनजातीय नेता भाग ले रहे हैं.
पहले दिन की बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव मध्य प्रदेश के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय नीति एवं शोध प्रभारी डॉ सुमेर सिंह सोलंकी द्वारा पेश किये गये. प्रस्तावों में कहा गया है कि कोरोना महामारी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शानदार तरीके से आगे बढ़कर जिम्मेदारी संभाली है. 21 अक्टूबर को देश में 100 करोड़ से भी अधिक लोगों का टीकाकरण हो जाना इसका एक प्रमाण है. पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर पार्टी की ओर से चलाये गये सेवा ही संगठन के जरिये भी पार्टी के एसटी मोर्चा के सभी कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रयास किये. केंद्र के स्तर से चलायी जा रही योजनाओं से शहर से गांव तक हर वर्ग, धर्म के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आये. झारखंड में जनजाति समाज की स्थिति पर कार्यसमिति की बैठक में चिंता जतायी गयी. कहा गया कि केंद्र के स्तर से चलायी जा रही योजनाओं का लाभ एसटी और अन्य वर्गों तक तरीके से नहीं पहुंच रहा है जो चिंताजनक है.