पटना: 'बिहार विधानसभा घेराव के दौरान पटना लाठीचार्ज की न्यायिक जांच हो' ये कहना है कि केंद्र से आई बीजेपी की चार सदस्यीय कमेटी का. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास की अगुवाई में पहुंची जांच टीम ने मांग की है कि इसकी जूडिशियल इंक्वायरी हो. उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपने की बात कही है. रघुवर दास ने कहा कि इस घटना को बीजेपी ने गंभीरता से लिया है.
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'जानबूझकर रूट डायवर्ट किया गया': रघुवर दास ने कहा कि जानबूझकर रूट को डायवर्डट किया गया है. हमारे कार्यकर्ताओं पर बर्बरतापूर्ण लाठी चार्ज हुआ. एक कार्यकर्ता की मौत हुई है. ये लाठीचार्ज सरकार द्वारा प्रायोजित था. रघुवर दास ने एक फुटेज का हवाला देते हुए कहा कि डाक बंगला चौराहे पर हमारे कार्यकर्ता पहुंचे भी नहीं थे और लाठीचार्ज कर दिया. जबकि प्रशासन का आरोप है कि कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग तोड़ी.
''डाक बंगला चौराहा पर कार्यकर्ताओं के पहुंचने से पहले ही उनपर लाठीचार्ज शुरू हो गया. लाठीचार्ज इतनी बरबरतापूर्ण हुई कि वह हमें जेपी के आंदोलन को याद कराता है. मैं भी 5 नवंबर 1974 को जेपी के आंदोलन में पटना आया था, उस घटना को इस लाठीचार्ज ने याद दिला दिया. भारतीय जनता पार्टी इस पूरी घटना की न्यायिक जांच की मांग करती है.''- रघुवर दास, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, बीजेपी जांच टीम के सदस्य
'लाठीचार्ज राज्य प्रायोजित था': बीजेपी की ओर से आई जांच कमेटी ने दावा किया कि इस घटना की जानकारी लेने के बाद हम लोगों ने यह महसूस किया कि ये राज्य प्रायोजित हिंसा थी. ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. भाजपा के कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे और आगे बढ़ रह थे. भाजपा कार्यकर्ताओं पर मिर्च पाउडर मिश्रित आंसू गैस के गोले दागे गये, जिसकी वजह से हमारे जहानाबाद के महामंत्री विजय सिंह की मौत हो गई.
''महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया उनके सिर पर और छाती के ऊपर लाठियां चलाई गईं. बंदूक के पिछले हिस्से से से पीटा गया. आज तक इस तरीके से महिलाओं को कभी भी नहीं पीटा गया था.''- सुनीता दुग्गल, बीजेपी जांच टीम की सदस्य
'1000 से अधिक कार्यकर्ता घायल': बीजेपी की जांच टीम ने आरोप लगाया कि लाठीचार्ज के दौरान पूर्व मंत्री और विधायक अमरेन्द्र प्रताप सिंह, नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा के साथ-साथ सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल को गंभीर चोट लगी है. इसके साथ ही महिलाओं को भी गंभीर चोट लगी है. उन्होंने बतया कि पटना पुलिस की क्रूरता की वजह से 1000 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं को चोटें आई हैं. वहीं, 300 से अधिक लोग बुरी तरह जख्मी हैं.
''इमरजेंसी लगाने वाली सरकार ने जिस तरीके से मारा था, आज फिर बिहार की धरती पर वही नजारा देखने को मिला. 13 जुलाई को पहले से बड़ी तैयारी थी कि कैसे भाजपा कार्यकर्ताओं को मारना है. पुलिस मैनुअल कहती है कि आपको अगर लाठीचार्ज करना पड़े तो कमर के नीचे मारना है, सीधा कमर के ऊपर और सfर के ऊपर मारा गया. कुछ गुंडों को पुलिस की वर्दी में लगाया गया था.'' - मनोज तिवारी, बीजेपी सांसद और जांच टीम के सदस्य
घायलों से मिली बीजेपी की जांच टीम : बता दें कि शनिवार की सुबह 10 बजे बीजेपी की जांच टीम गांधी मैदान, डाकबंगला चौराहा गयी और निरीक्षण किया. इसके बाद पीएमसीएच के साथ कई अस्पतालों और पार्टी दफ्तर में लगभग 200 से अधिक जख्मी कार्यकर्ताओं से मिले और पूरी घटना की जानकारी ली है. बीजेपी की केंद्रीय जांच टीम के सदस्य आईजीएमएस भी पहुंचे जहां उन्होंने सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल से मुलाकात कर उनका हाल चाल लिया. इसके बाद टीम राजवंशी नगर के हड्डी अस्पताल पहुंचकर जायजा लिया. वहां घायल कार्यकर्ताओं से मुलाकात की.