नई दिल्ली :एनडीए की बैठक और विपक्ष की आज से शुरू हुई बैठक इसबार अपनी-अपनी ताकत दिखाने का जरिया बन गई है. जहां विपक्ष में कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल का साथ देते हुए दिल्ली पर आने वाले अध्यादेश का साथ देने का समर्थन करते ही बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. वहीं बीजेपी हर दिन एक-एककर नए और पुराने सहयोगियों को मिलाते हुए अपने परिवार में बढ़ोत्तरी कर रही है.
बीजेपी के नेता प्रवेश वर्मा का कहना है कि 'विपक्ष चाहे कितनी भी कोशिश कर ले सहयोगियों की संख्या बढ़ा ले मगर जनता मोदी जी को ही प्रधानमंत्री के तौर पर देखना चाहती है.'
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने विपक्ष के पास कोई प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं है. उन्होंने कहा कि वहां हर पार्टी के नेता खुद प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं, राज्य में एक दूसरे के सामने लड़ रहे हैं और विपक्ष की बैठक में एका दिखाने की कोशिश हो रही है.
बहरहाल चाहे कुछ भी हो विपक्ष की लामबंदी संसद में सरकार की मुश्किलें जरूर बढ़ा सकती क्योंकि 2024 से पहले सारी विपक्षी पार्टियों का एक ही एजेंडा है और वो है मोदी हटाओ का नारा.
मगर बीजेपी का मानना है कि विपक्ष जितना इस नारे को बुलंद करेगा जनता उतनी ही जागरुकता के साथ बीजेपी और प्रधानमंत्री का साथ देगी. वास्तविकता ये भी है कि बीजेपी भी इन पार्टियों की लामबंदी देखते हुए ज्यादा से ज्यादा पार्टियों को अपने खेमे में लाने की कोशिश में जुट गई है. फिलहाल जो समीकरण बनता नजर आ रहा है इस तरह का है.