नई दिल्ली : 2014 के बाद से नरेंद्र मोदी और अमित शाह की तरफ से बनाए गए 20 मुख्यमंत्रियों में से 40 फीसदी यानी आठ मुख्यमंत्री अभी तक बदले जा चुके हैं. पिछले छह माह के भीतर तो पांच मुख्यमंत्रियों को एक के बाद एक अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा है.
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने शनिवार को अपना इस्तीफा दिया. इससे पहले उत्तराखंड में बहुत ही कम समय के अंतराल में दो मुख्यमंत्री बदले गए. इसी तरह कर्नाटक में भी बीजेपी ने येदुरप्पा को इस्तीफा देने पर मजबूर कर एक बड़ा फैसला किया गया. इसके बाद असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल को केंद्र में बुलाया गया और वहां कमान हिमंता बिस्वा सरमा के हाथ में कमान सौंपी गई और इस बार तो अमित शाह के बेहद करीबी माने जाने वाले विजय रुपाणी को ही अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा.
इससे एक बात तो साफ हो गई है कि चाहे कोई भी हो ,लेकिन चुनाव की कसौटी पर और कार्यों की कसौटी पर यदि कोई भी मुख्यमंत्री या नेता खरा नहीं उतरता है तो पार्टी उसको बाहर का रास्ता दिखा देगी. उत्तराखंड में तो बहुत ही कम समय के अंतराल पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया उसके बाद उनसे इस्तीफा लेकर तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से नवाजा गया.
तीरथ सिंह रावत को बने कुछ ही महीने हुए थे कि उनसे इस्तीफा लेकर पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड की कमान सौंप दी गई. उत्तराखंड में अगले साल चुनाव होने हैं. इसी तरह गुजरात में भी लगभग 15 माह के बाद चुनाव होने हैं और पार्टी ने समय से निर्णय लेकर नए मुख्यमंत्री को पहले हुई गलतियों को सुधारने के अंदर खाने निर्देश तो दिया ही है साथ ही साथ पाटीदार वोट बैंक को भी संतुष्ट करने की कोशिश की है.