तेलंगाना में बीजेपी का वह नेता, जिसने केसीआर और कांग्रेस प्रमुख रेवंत रेड्डी को चटाई धूल
तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. लेकिन यहां की एक निर्वाचन सीट लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है. कामारेड्डी निर्वाचन सीट से भारत राष्ट्र समिति प्रमुख केसीआर और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष ए. रेवंत रेड्डी के मुकाबले में बीजेपी के उम्मीदवार वेंकट रमना रेड्डी जायंट भी मैदान में थे, जिन्होंने यहां से जीत दर्ज की. Telangnana Assembly Election, Telangnana Assembly Election Result, Telangnana Assembly Election 2023 Result
हैदराबाद :तेलंगाना विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आने के बाद साफ हो गया है कि के. चंद्रशेखर राव अब पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर जाने जाएंगे. लेकिन केसीआर इस चुनाव में दो सीटों से चुनाव लड़ रहे थे, जिसमें कामारेड्डी निर्वाचन क्षेत्र ज्यादा चर्चा में है. इसका कारण यह है कि यहां से कांग्रेस पार्टी संभावित मुख्यमंत्री उम्मीदवार और राज्य कांग्रेस प्रमुख ए. रेवंत रेड्डी भी लड़ रहे थे.
लेकिन ये दोनों ही दिग्गज नेता कामारेड्डी निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार से हार गए. भाजपा के वेंकट रमना रेड्डी जायंट इस सीट पर किलर साबित हुए. उन्होंने के. चंद्रशेखर राव को 5,156 वोटों के अंतर से हराया और यहां से रेवंत रेड्डी तीसरे स्थान पर रहे. सुबह गिनती शुरू होने के बाद से ही कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले. शुरुआत में बीजेपी प्रत्याशी ने बढ़त बना ली थी.
इसके बाद रेवंत रेड्डी आगे रहे. कुछ राउंड में केसीआर भी आगे चल रहे थे. लेकिन जब वोटों की गिनती ख़त्म हुई तो नाटकीय अंदाज में बीजेपी के वेंकट रमना रेड्डी जीत गए. वो यहां के स्थानीय नेता माने जाते हैं. केसीआर जहां अविभाजित मेडक जिले से हैं, वहीं रेवंत रेड्डी अविभाजित महबूबनगर जिले से आते हैं.
हालांकि, केसीआर और रेवंत रेड्डी दोनों ने क्रमशः अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र गजवेल और कोडंगल से जीत हासिल की है. जहां केसीआर लगातार तीसरी बार गजवेल से चुने गए, वहीं रेवंत रेड्डी कोडंगल में विजयी हुए. साल 2018 में उन्हें इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा था.
केसीआर ने गजवेल से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी इटाला राजेंद्र को 45,031 मतों के अंतर से हराया. तेलंगाना की 119 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनावों में बीआरएस केवल 39 सीटों पर जीत हासिल कर पाई, जबकि कांग्रेस ने 64 सीटों पर जीत दर्ज की.