नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने नए प्रदेश प्रभारियों की घोषणा कर दी है. भाजपा ने विभिन्न राज्यों के प्रभारियों और सह प्रभारियों की जिम्मेदारी में बड़ा बदलाव किया है. वहीं पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव में 144 सीटों को नहीं जीत पाई थी लेकिन आगामी चुनाव में इनमें से 50 फीसदी पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य होगा. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विनोद तावड़े को बिहार का नया प्रभारी बनाया है, जबकि सह प्रभारी की जिम्मेदारी पहले की तरह हरीश द्विवेदी ही संभालते रहेंगे. छत्तीसगढ़ का प्रभारी ओम माथुर और सह प्रभारी नितिनि नबीन को बनाया गया है. वहीं बिप्लब कुमार देब को हरियाणा, लक्ष्मीकांत वाजपेयी को झारखंड और विनोद सोनकर को दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव का प्रभारी बनाया गया है.
इसी तरह केरल का प्रभारी प्रकाश जावेड़कर को बनाया गया है. राधामोहन अग्रवाल को लक्षद्वीप के प्रभारी के साथ-साथ केरल के सह प्रभारी की जिम्मेदारी भी दी गई है. पी. मुरलीधर राव को मध्य प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है और उनके साथ राज्य में दो नेताओं पंकजा मुंडे और रमाशंकर कठेरिया को सह प्रभारी बना कर लगाया गया है. विजय भाई रुपाणी को पंजाब और चंडीगढ़ का प्रभारी बनाया गया है. नरिंदर सिंह रैना को पंजाब का सह प्रभारी बनाया गया है. तेलंगाना का प्रभार तरूण चुग संभालेंगे और उनके साथ अरविंद मेनन को राज्य का सह प्रभारी बनाया गया है. राजस्थान के प्रभारी की जिम्मेदारी पहले की तरह ही अरुण सिंह संभालते रहेंगे और उनके साथ सह प्रभारी के तौर पर विजया राहटकर को लगाया गया है.
महेश शर्मा को त्रिपुरा का प्रभारी बनाया गया है. पश्चिम बंगाल का जिम्मा प्रभारी बनाकर मंगल पांडेय को सौंपा गया है. अमित मालवीय पहले की तरह राज्य के सह प्रभारी बने रहेंगे और उनके साथ ही आशा लकड़ा को भी पश्चिम बंगाल का सह प्रभारी बनाया गया है. संबित पात्रा को नार्थ ईस्ट प्रदेश का संयोजक और रितुराज सिन्हा को सह संयोजक बनाया गया है. भाजपा में हुए इस बड़े और अहम बदलावों को इन राज्यों में होने वाले आगामी विधान सभा चुनावों के साथ-साथ 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
2019 में लोकसभा की हारी हुई 144 सीटों में से आधी जीतने का होगा लक्ष्य -बता दें कि राज्य के प्रभारियों की निकाली गई सूची में अलग-अलग राज्य के प्रभारियों को जिम्मेदारी दी गई है. इनमें कई प्रभारियों को उनके पुराने राज्य ही दिए गए हैं लेकिन ज्यादातर प्रभारियों राज्य में फेरबदल किया गया है. इसी क्रम में पिछले मंगलवार को गृह मंत्री और भाजपा अध्यक्ष ने एक बैठक की थी जिसमें केंद्रीय मंत्रियों को उनके प्रवास कार्यक्रम को पूरा नहीं किए जाने को लेकर चिंता जताई गई थी और अब पार्टी नए सिरे से लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए तैयारियां कर रही है. किन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी को शिकस्त मिली या उन सीटों में जहां पार्टी जीत दर्ज नहीं कर पाई, उन सीटों को चिन्हित करके पार्टी उन सीटों के अंतर्गत आने वाले राज्य प्रभारियों को जल्दी ही वहां भेजेगी और अगले अक्टूबर से इन सीटों पर राज्य के प्रभारी और अध्यक्ष मिलकर संगठन को मजबूत करने का काम करेंगे.