पटना : बिहार में जातीय राजनीति (Vote Bank Politics in Bihar) लंबे समय से हो रही है. जातीय वोट बैंक पर दावेदारी भी नेताओं की तरफ से होती रही है. लालू प्रसाद यादव की यादव वोट बैंक पर दावेदारी रही है, तो नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की कुर्मी वोट बैंक पर, कई अन्य नेताओं की तरफ से भी जातीय राजनीति को साधने की कोशिश की जाती रही है. उपेंद्र कुशवाहा, कुशवाहा वोट बैंक की पॉलिटिक्स करते हैं, तो बीजेपी की तरफ से भी कई ऐसे नेता हैं जो कुशवाहा वोट बैंक को साधने में लगे रहे हैं. इस होड़ में नेता, महापुरुषों को भी जाति विशेष में बांटने से नहीं चूकते हैं. सूरज नंदन कुशवाहा ने सम्राट अशोक की जयंती (Ashoka Birth Anniversary) मनाकर उन्हें कुशवाहा जाति से जोड़ने की कोशिश की.
उपेंद्र कुशवाहा भी समता परिषद के बैनर तले सम्राट अशोक की जयंती मनाते रहे हैं और इनकी तरफ से भी सम्राट अशोक को कुशवाहा बताने की कोशिश की जाती रही है. इस बार उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में जेडीयू और सम्राट चौधरी जो बीजेपी कोटे से सरकार में मंत्री हैं, उनके नेतृत्व में बीजेपी सम्राट अशोक की जयंती आयोजित कर रही है और दोनों ही तरफ से कुशवाहा वोट पर अप्रत्यक्ष रूप से दावेदारी की जा रही है.
कुशवाहा को जेडीयू से जोड़ने की कवायद : एनडीए के दो प्रमुख घटक दल होने के बावजूद बीजेपी और जेडीयू सम्राट अशोक की जयंती के बहाने कुशवाहा वोट बैंक को लेकर आमने-सामने है. बिहार में कुशवाहा का वोट बैंक पांच प्रतिशत के आसपास है. नीतीश कुमार कुर्मी-कुशवाहा वोट बैंक पर शुरू से अपनी दावेदारी करते रहे हैं, लेकिन धीरे-धीरे कुशवाहा समाज के कई बड़े नेता नीतीश कुमार से अलग हो गए और इसके कारण कुशवाहा वोट बैंक नीतीश कुमार से छिटक गया. 2020 विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार ने कई कुशवाहा नेताओं को पार्टी में शामिल कराया, जिसमें उपेंद्र कुशवाहा भी शामिल हैं. तो वहीं बीजेपी की नजर भी कुशवाहा वोट बैंक पर शुरू से रही है. शकुनी चौधरी के बेटे सम्राट चौधरी को बीजेपी ने अपनी पार्टी में शामिल कराया और इस बार मंत्री भी बनाया है. उपेंद्र कुशवाहा और सम्राट चौधरी दोनों कुशवाहा समाज से आते हैं और इस वोट बैंक पर पकड़ भी रही है.
कुशवाहा वोट बैंक की सियासत : सम्राट अशोक ने अखंड भारत पर राज किया था, लेकिन बीजेपी और जदयू के नेता सम्राट अशोक को कुशवाहा समाज से जोड़ते हैं. सम्राट अशोक की जयंती पर नीतीश सरकार ने छुट्टी भी घोषित कर रखी है और राजधानी पटना में सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर भी बनाया है. तो दूसरी तरफ सम्राट अशोक के नाम पर कुशवाहा वोट बैंक की सियासत भी होती रही है. इस बार पटना में बीजेपी और जेडीयू की तरफ से जयंती पर भव्य कार्यक्रम हो रहे हैं. बीजेपी के कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तक शामिल हो रहे हैं, तो जेडीयू के कार्यक्रम में भी पार्टी के कई दिग्गज शामिल होंगे. हालांकि दोनों तरफ से सम्राट अशोक को कुशवाहा वोट बैंक से सीधे तौर पर जोड़ने की बात से इंकार कर रहे हैं.