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'ट्विटर पर विरोधियों की आवाज दबा रही थी सरकार', जैक डोर्सी के इस आरोप पर कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने - ट्विटर पर विरोधियों की आवाज दबा रही थी सरकार

ट्विटर के पूर्व सीईओ ने एक बयान क्या दिया, पूरे देश में बवाल मच गया. केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर को सफाई देनी पड़ गई. मोदी सरकार के आलोचकों के चेहरे खिल उठे. उन्होंने सरकार पर तानाशाही के आरोपों को सही ठहरा दिया. क्या है पूरा मामला, पढ़ें पूरी खबर.

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केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर, ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी

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Published : Jun 13, 2023, 4:18 PM IST

नई दिल्ली : ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने एक साक्षात्कार में दावा किया कि किसान आंदोलन के दौरान सरकार ने उनके ट्विटर हैंडल्स को ब्लॉक करने की सिफारिश की थी. उनके अनुसार कुछ पत्रकार जो उस समय सरकार की आलोचना कर रहे थे, उनके ट्विटर अकाउंट को भी बंद करने को कहा गया था. डोर्सी ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान ट्विटर को बंद करने तक की धमकी दी गई थी. केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया, लेकिन विपक्ष सरकार पर फिर से हमलावर हो गई है.

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने जैक डोर्सी के बयान को झूठा बताया है. मंत्री ने कहा कि ट्विटर अपने पूर्व कारनामों को छिपाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन ऐसा करना संभव नहीं हो पाएगा. उन्होंने कहा कि 2020 से लेकर 2022 तक आप देख लीजिए, ट्विटर ने कितनी बार भारतीय कानूनों का उल्लंघन किया है. वह बार-बार कानून को फॉलो नहीं करने की बात कह रहा था, और आखिरकार जून 2022 से वह लॉ को फॉलो करने के लिए तैयार हुआ.

क्या कहा था जैक डोर्सी ने - जैक डोर्सी ने यह दावा यू ट्यूब चैनल के एक इंटरव्यू में किया था. यह इंटरव्यू सोमवार को दिखाया गया था. डोर्सी से पूछा गया था कि पूरी दुनिया के पावरफुल लोग आपके पास आते हैं और वे कई तरह की मांगें आपके सामने रखते होंगे, ऐसी स्थिति में आप इससे कैसे निपटते हैं ताकि आप अपने सिद्धान्तों से समझौता न कर सकें. इस पर डोर्सी ने भारत का उदाहरण दिया. डोर्सी ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान हमारे पास ऐसी मांगें आई थीं, तब कुछ अकाउंट को ब्लॉक करने को कहा गया था. यहां तक कि ट्विटर को ही बंद करने तक की बात कह दी गई थी. भारत एक डेमोक्रेटिक देश है, फिर भी ऐसा हुआ.

केंद्रीय मंत्री का जवाब - डोर्सी के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि ट्विटर के किसी भी कर्मचारी पर रेड नहीं डाली गई थी. किसी को भी जेल नहीं भेजा गया. चंद्रशेखर ने कहा कि जब अमेरिका ने डोर्सी को भ्रामक तथ्य हटाने को कहे, तो उसे कोई दिक्कत नहीं हुई, लेकिन भारत जब ऐसा करने के लिए कह रहा था, तो वह लोकतंत्र की बात करने लगा. मंत्री ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान जनसंहार तक की फर्जी खबरें ट्वीट की गई थीं, क्या इसे हटाने के लिए नहीं कहना चाहिए था.

वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि किसान आंदोलन के समय में सरकार ने धमकी दी थीं. ट्विटर इंडिया के दफ्तर को बंद करने की धमकी दी गई थी. ट्विटर इंडिया के कर्मचारियों के घरों पर रेड डाले गए थे. वैसे, मंत्री ने नकार दिया है. लेकिन कुछ को इस मुद्दे पर झूठ बोलना है और कुछ को इस मुद्दे पर कुछ छिपाने की जरूरत नहीं है.

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि जैक डोर्सी पर कोई भी भरोसा नहीं करेगा. उनके अनुसार अब जबकि ट्विटर बिक चुका है, ट्विटर फाइल्स में उनकी सारी सच्चाई सामने आ गई है, किस तरह से उन्होंने अपना काम किया था. वो अपने कारनामों को छिपाना चाहते हैं, लेकिन एक्सपोस हो चुके हैं. अब जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है विदेशों में बैठे बहुत सारे लोग अचानक ही जगने लगे हैं.

पूर्व आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जैक डोर्सी के आरोपों को निराधार बताया है. रविशंकर ने कहा कि भारत में सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सम्मान किया जाता है. लेकिन चाहे वह कोई भी क्यों न हो, उसे भारत के संविधान और कानून का पालन करना ही पड़ेगा.

कांग्रेस पार्टीने राहुल गांधी के ट्विटर अकाउंट का हवाला देकर जैक डोर्सी के बयान का समर्थन किया है. कांग्रेस ने कहा कि अगस्त 2021 में राहुल का ट्विटर हैंडल ब्लॉक किया जाता है और अगले छह महीनों में उसकी ग्रोथ खत्म हो जाती है. फरवरी 2022 में जब वॉल स्ट्रीट जर्नल पर खबर चलती है तो शैडो बैन हटा लिया जाता है और फॉलोअर्स बढ़ने लगते हैं.

भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि जैक डोर्सी की दाल में कांग्रेस का मसाला है. राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा में जो खिच़ड़ी पकाई गई है, अब उसे परोसा जा रहा है. काश जो जैक बोल रहा है, वो सच होता तो फ्रॉड आंदोलनकारी गैंग बार बार ब्लैकमेलिंग नहीं कर पाता.

वरिष्ठ पत्रकार तवलीन सिंह ने कहा कि जैक डोर्सी ने भारत ही नहीं, बल्कि अमेरिका की भी आलोचना की है, फिर भाजपा वाले इतने आक्रामक क्यों हैं.

बीबीसी के अनुसार ट्विटर ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट के मुताबिक ट्विटर से कॉन्टेंट हटाने को लेकर भारत से सबसे अधिक रिक्वेस्ट आते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी 2022 से लेकर जून 2022 के बीच ट्विटर को पूरी दुनिया से 53000 लीगल नोटिस भेजे गए. ट्विटर के अनुसार भारत के बाद अमेरिका, फ्रांस, जापान और जर्मनी का नंबर आता है.

क्या था किसान आंदोलन- मोदी सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य को लेकर तीन कृषि कानून लाए थे. लेकिन किसानों ने उनके कानूनों का विरोध किया. दिल्ली की सीमा पर वे आंदोलन करने के लिए बैठ गए थे. इसी आंदोलन के समर्थन में कई पत्रकार आए. विपक्षी पार्टियों ने भी इसका समर्थन किया. उस दौरान सरकार से खूब नोंकझोंक भी हुई. 26 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला था. वे लाल किला तक पहुंच गए. उस दौरान सरकार ने लगभग 1100 ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक करने को कहा था. सरकार ने कहा था कि इनमें से ज्यादातर अकाउंट खालिस्तानी समर्थक थे और वे 26 जनवरी की घटना को लेकर दुष्प्रचार कर रहे थे. कुछ अकाउंट ब्लॉक किए गए, लेकिन कुछ अकाउंट ब्ल़ॉक नहीं किए गए. ट्विटर ने कहा था, 'हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की वकालत करते रहेंगे और हम भारतीय क़ानून के अनुसार इसका रास्ता भी निकाल रहे हैं.'

24 मई 2021 को दिल्ली पुलिस की एक टीम ट्विटर इंडिया के गुरुग्राम स्थिति ऑफिस पर पहुंची थी. पुलिस टूलकिट मैनिपुलेशन मामले में पहुंची थी. भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पार्टी पर टूलकिट का उपयोग कर देश की छवि बिगाड़ने के आरोप लगाए थे. पात्रा के अनुसार कांग्रेस ने कोविड और सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर टूलकिट का उपयोग किया था.

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