नई दिल्ली : भाजपा ने प्रियंका गांधी पर चयनात्मक राजनीति करने का आरोप (accused of doing selective politics) लगाया है. पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि ऐसा क्यों है कि उत्तर प्रदेश में जाकर प्रियंका गांधी वाड्रा कहती हैं कि लड़की हूं, लड़ सकती हूं. लेकिन राजस्थान में जहां कांग्रेस की सरकार है, वहां उनके सुर लड़की हो तो लड़ना मना है और चुप रहना ही पड़ेगा में बदल जाते हैं.
ज्ञात हो कि राजस्थान में मानसिक रूप से निशक्त किशोरी मंगलवार रात नौ बजे अलवर के तिजारा फाटक के पास सड़क पर घायल अवस्था में मिली थी. बुधवार को जयपुर के अस्पताल में उसकी शल्य चिकित्सा की गई. पीड़िता के निजी अंगों में गंभीर चोट के कारण सर्जरी में ढाई घंटे का समय लगा. पात्रा ने कहा कि जब वह किशोरी जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रही थी उस वक्त प्रियंका गांधी वाड्रा जो खुद को चैंपियन ऑफ महिला कहती हैं, वह राजस्थान के ही रणथंभौर में अपने परिवार के साथ जन्मदिन मना रही थीं.
उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर भाजपा नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल कांग्रेस महासचिव से मिलने रणथंभौर भी गया था. पात्रा ने दावा कि यह कह कर भाजपा नेताओं को प्रियंका वाड्रा से नहीं मिलने दिया गया कि वह अपना जन्मदिन मनाने में व्यस्त हैं और किसी से मिल नहीं सकतीं. उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी की चयनात्मक राजनीति को दर्शाता है.
पात्रा ने कहा कि वास्तव में आप कांग्रेसी हैं और केवल राजनीति कर सकती हैं. महिलाओं के खिलाफ अत्याचार का इस्तेमाल करते हुए उसको राजनीति की धुरी बनाकर गांधी परिवार अपनी महत्वाकांक्षा को साधने की कोशिश कर रहा है. राहुल गांधी और प्रियंका जो कर रहे हैं, यह अक्षम्य है. उन्होंने सवाल किया कि बलात्कार पीड़ितों के साथ फोटो खिंचवा कर सोशल मीडिया पर वायरल करने वाले, कांग्रेस के नेता कब अलवर जाएंगे?
उन्होंने यह भी पूछा कि कांग्रेस महासचिव वाड्रा ने राजस्थान में हुए जघन्य अपराध पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से क्या कोई रिपोर्ट तलब की है? पात्रा ने राज्य की महिला और बाल विकास मंत्री ममता भूपेश के उस बयान पर भी आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि महिलाओं व बच्चियों से दुष्कर्म करने वाले दरिंदे आसपास ही घूम रहे हैं, उनके माथे पर तिलक नहीं लगा होता है. उन्होंने इस बयान पर ममता भूपेश और मुख्यमंत्री गहलोत से माफी की भी मांग की.
यह भी पढ़ें- Alwar specially abled Rape case: मूक बधिर नाबालिग बालिका की हालत स्थिर
राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है. गौरतलब है कि अलवर जिले के मालाखेड़ा थाना क्षेत्र में मंगलवार को घंटों लापता रहने के बाद मानसिक रूप से निशक्त, 15 साल की किशोरी रात करीब नौ बजे तिजारा फाटक के पास घायल अवस्था में मिली थी. पीड़िता के जननांगों सहित शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटों को देखते हुए बुधवार को जयपुर के एक अस्पताल में उसकी सर्जरी की गई है. पुलिस ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह दुष्कर्म का मामला प्रतीत होता है. हालांकि अब तक इस बारे में पुष्टि नहीं हो पाई है.
गहलोत सरकार में मंत्री ममता भूपेश का बयान
गौरतलब है कि राजस्थान सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने विवादित बयान दे दिया. ममता भूपेश ने कहा कि दरिंदे हमारे आपके बीच हैं. दरिंदे तिलक लगाकर नहीं घूमते, जिससे उनकी पहचान हो सके. ममता भूपेश ने कहा कि वे जयपुर के जेके लोन अस्पताल जाकर पीड़ित बालिका से मिलीं और चिकित्सकों को बालिका के बेहतर इलाज के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि चिकित्सक बच्ची के स्वास्थ्य की बेहतर निगरानी कर रहे हैं. बच्ची का कल ही ऑपरेशन कर दिया गया था. बच्ची के परिजनों से मिलकर उन्हें ढाढस बंधाया है.
राजस्थान सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश का बयान भूपेश ने कहा कि इस मामले में पुलिस तत्परता से कार्रवाई कर रही है. सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं. इस दौरान भूपेश विवादित बयान भी दे गईं. उन्होंने कहा कि मैं निवेदन करती हूं कि बच्चियों की सुरक्षा का काम अकेले सरकार का नहीं है, बल्कि समाज को सामूहिक जिम्मेदारी उठानी होगी. दरिंदे आपके हमारे बीच ही छुपे होते हैं, उनके माथे पर तिलक लगा नहीं होता. कौन कब दरिंदा बन जाए, कह नहीं सकते. इसलिए बच्चियों की सुरक्षा सभी का दायित्व है.
कलेक्टर ने कहा- दुष्कर्म की पुष्टि नहीं
अलवर की घटना को लेकर राजस्थान की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं. अलवर के जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया ने कहा कि जब तक मेडिकल रिपोर्ट नहीं आती, इस पूरे मामले को दुष्कर्म कहना जल्दबाजी होगी. उन्होंने कहा कि सांसद और विधायकों की मांग करने का अधिकार है. इस पर सरकार को फैसला लेना है कि मामले की जांच सीबीआई से कराई जाती है या नहीं. इस मामले में 3 दिन बीतने के बाद भी मेडिकल रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है.
अलवर के जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया का बयान इससे पहले अलवर के पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने घटना के तुरंत बाद मीडिया को दिए बयान में कहा कि शुरुआती जांच पड़ताल में यह दुष्कर्म का मामला लग रहा (Minor raped in Alwar) है. पुलिस ने दुष्कर्म की धाराओं के तहत मामला भी दर्ज किया है.