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नवीन पटनायक ने विधायक प्रदीप पाणिग्रही को पार्टी से किया निष्कासित

ओडिशा के सीएम और बीजू जनता दल अध्यक्ष नवीन पटनायक ने जन-विरोधी कार्यों में संलिप्त होने पर अपने विधायक को बाहर का रास्ता दिखाया है. हालांकि, वह किस तरह के कार्यों में लिप्त थे इसका खुलासा नहीं किया गया है.

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जन-विरोधी गतिविधियों के चलते हटाए गए प्रदीप पाणिग्रही

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Published : Nov 29, 2020, 7:19 PM IST

भुवनेश्वर : ओडिशा की सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) अध्यक्ष नवीन पटनायक ने गोपालपुर से विधायक प्रदीप पाणिग्रही को जन विरोधी गतिविधियों के आरोप में रविवार को पार्टी से निष्कासित कर दिया. बीजद की ओर से जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि गोपालपुर से विधायक प्रदीप पाणिग्रही को उनकी जन विरोधी गतिविधियों के चलते तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया गया है.

तीन बार रह चुके हैं विधायक

बता दें, पाणिग्रही पूर्व मंत्री हैं और तीन बार विधायक रह चुके हैं. क्षेत्रीय दल के वह ऐसे पहले नेता हैं जिन्हें जन विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निकाला गया है. हालांकि, इससे पहले कई नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोपों के चलते निकाला जा चुका है. बीजद की ओर से जारी आधिकारिक आदेश पर महासचिव (मीडिया मामले) मानस रंजन के हस्ताक्षर हैं. इसमें पाणिग्रही के जन विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की बात कही गई है. हालांकि, वह किस तरह की गतिविधियों में शामिल थे, इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं कहा गया है.

भ्रष्टाचार रोधी सतर्कता इकाई ने की कार्रवाई

पार्टी की ओर से पाणिग्रही पर की गई कार्रवाई से पहले भ्रष्टाचार रोधी सतर्कता इकाई ने भारतीय वन सेवा के निलंबित अधिकारी अभय कांत पाठक और उनके बेटे आकाश कुमार पाठक के साथ पाणिग्रही के कथित संपर्कों के बारे में पता लगाया था. पाठक और उनका बेटा आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल में बंद हैं.

अतिरिक्त व्यय मंजूरी बिल हुआ पास

बता दें, विधानसभा में काफी हंगामे के बीच अतिरिक्त व्यय अनुमोदन विधेयक पारित किया गया. हंगामे के बीच 11,700 करोड़ अतिरिक्त व्यय मंजूरी बिल भी पास हुए हैं. हालांकि, इस कार्यवाही में भाजपा ने भाग नहीं लिया. दूसरी ओर, कोविड-19 के चलते ओडिशा विधानसभा का शीतकालीन सत्र केवल 10 दिन ही चल पाया. पार्टी की मुख्य सचेतक प्रमिला मल्लिक ने अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित करने का आह्वान किया, जिसका बीजद विधायक अमर प्रसाद शतपथी और संसदीय कार्य मंत्री विक्रम केशरी अरुख ने जोरदार समर्थन किया, जबकि कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बहिनपति ने सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध किया.

पढ़ें:ओडिशा विधानसभा में भाजपा विधायक की बदसलूकी, स्पीकर की माइक तोड़ी

कांग्रेस नेता ने किया विरोध

इस मामले पर कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बहिनपति ने कहा कि कई मुद्दे थे. सरकार को विपक्ष पर भरोसा नहीं था. विधायिका को कुछ दिनों के लिए और चलाने की आवश्यकता है. कई मुद्दों पर चर्चा होनी बाकी है. कई स्थगन प्रस्तावों पर चर्चा नहीं हुई है. हमें विधायिका चलाने की आवश्यकता है.

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