नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को चिह्नित करने और भारतीय इतिहास तथा संस्कृति में अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों के योगदान का सम्मान करने के लिए 15 नवंबर को 'जनजातीय गौरव दिवस' घोषित करने का फैसला किया.
केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समुदाय का उल्लेखनीय योगदान रहा है. आगामी 15 से 22 नवंबर तक 'आजादी के अमृत महोत्सव' के तहत पूरे देश में जनजातीय महोत्सव मनाया जाएगा. जिसके तहत जनजातीय समुदाय के स्वतंत्रता सेनानियों के कृतित्व, उनकी कला और संस्कृति पर कार्यक्रम आयोजित होंगे.
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासी समाज के नायक और स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस घोषित करने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि उनके जीवन से आज भी साहस, शौर्य और सेवा की सीख मिलती है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस फैसले की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश की आजादी और समृद्धि में आदिवासियों ने बड़ा योगदान दिया है.
मोदी ने एक ट्वीट में कहा, देश के लाखों-करोड़ों लोगों के दिलों में बसने वाले भगवान बिरसा मुंडा के जीवन से हमें आज भी साहस, शौर्य और सेवा की सीख मिलती है. मुझे खुशी है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15 नवंबर को उनकी जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है.