कोलकाता / रामपुरहाट :पश्चिम बंगाल के बीरभूम हिंसा पर कलकत्ता हाईकोर्ट में आज (गुरुवार) एक बार फिर से सुनवाई हुई, जिसमें अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा है. हाईकोर्ट ने बीरभूम जिले में आठ लोगों की मौत के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) या राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) से जांच की मांग करने वाली जनहित याचिकाओं के साथ एक स्वत: संज्ञान याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया. राज्य ने CBI या NIA जांच के अनुरोध का विरोध करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित एक विशेष जांच दल (SIT) जांच कर रहा है और उसे समय दिया जाना चाहिए.
दो दिन तक सभी पक्षों को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस आर भारद्वाज की खंडपीठ ने कहा कि वह दलीलों पर विचार के बाद आदेश पारित करेगी. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल वाई. जे. दस्तूर ने कहा कि CBI या NIA जांच शुरू करने के लिए तैयार हैं, यदि हाईकोर्ट इस आशय का आदेश पारित करता है.
उन्होंने अदालत को सूचित किया कि केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (CFSL), दिल्ली से सात सदस्यीय टीम गुरुवार की शाम को कोलकाता पहुंचेगी और बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में अपराध स्थल से नमूने एकत्र करने के लिए आगे बढ़ेगी, जैसा कि पीठ ने पूर्व में आदेश दिया था. दस्तूर ने कहा कि उन्हें CRPF कर्मी सुरक्षा प्रदान करेंगे.
महाधिवक्ता एस. एन. मुखर्जी ने अदालत के निर्देश के मुताबिक इस मामले के सिलसिले में दर्ज आपरिधाक मामले की केस डायरी और की जा रही जांच की रिपोर्ट पेश की. महाधिवक्ता ने याचिकाकर्ताओं द्वारा मामले को CBI या NIA को स्थानांतरित करने की प्रार्थना का विरोध किया और अपने तर्क के समर्थन में विभिन्न अदालतों के कई पुराने फैसलों का हवाला दिया.
मुखर्जी ने बताया कि बुधवार को पीठ के आदेश के अनुसार अपराध स्थल पर 31 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. याचिकाकर्ताओं ने राज्य सरकार के नियंत्रण वाली एजेंसी के अलावा किसी अन्य एजेंसी से जांच की मांग करते हुए आरोप लगाया कि अगर सीबीआई या एनआईए को तुरंत जांच का आदेश नहीं दिया गया तो सबूतों से छेड़छाड़ की संभावना है.
इसी बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि रामपुरहाट हिंसा मामले के संदिग्धों के आत्मसमर्पण ना करने पर भी उन्हें पकड़ा जाएगा, गिरफ्तार किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये देने और क्षतिग्रस्त मकानों के पुनर्निर्माण के लिए दो-दो लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा भी की. उन्होंने कहा कि घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे. ममता बनर्जी ने पीड़ित परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी देने का वादा भी किया.
सीएम ममता ने आश्वस्त किया, पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि रामपुरहाट हिंसा मामले के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले. अदालत के समक्ष एक कड़ा मामला दायर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पुलिस को पूरे बंगाल में अवैध आग्नेयास्त्रों और बमों के गुप्त जखीरों का पता लगाने का आदेश भी दिया गया है. बीरभूम हिंसा के पीड़ितों से ममता ने मुलाकात की. उन्होंने कहा, 'आपने अपने परिवार के सदस्य को खोया है, मेरे दिल को इससे काफी ठेस पहुंची है.' ममता ने कहा कि पुलिस पूरे बंगाल में अवैध हथियारों, बमों के गुप्त जखीरों का पता लगा रही है.