रामपुरहाट/कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में पिछले सप्ताह पेट्रोल बम हमले में (birbhum violence) झुलसी एक महिला की सोमवार को अस्पताल में मौत हो गई, जिससे इस घटना में मृतकों की संख्या बढ़कर नौ (birbhum violence death toll rises) हो गई है. यह जानकारी पुलिस के एक अधिकारी ने दी. बीरभूम की घटना को लेकर राज्य विधानसभा में भी हिंसा (Violence in the state assembly over Birbhum incident) हुई.
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों के बीच बीरभूम में हत्याओं को लेकर गरमागरम बहस एवं हाथापाई हुई. इसके बाद विधानसभाध्यक्ष ने विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी सहित भाजपा के पांच विधायकों को निलंबित कर दिया. बीरभूम हिंसा में जिन नौ लोगों की मृत्यु हुई है, उनमें सात महिलाएं और दो बच्चे शामिल हैं.
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि महिला, नजमा बीबी की आज मृत्यु हो गई. वह लगभग 65 प्रतिशत झुलस गई थीं. कल रात उनकी हालत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें रामपुरहाट के सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखा गया. आखिरकार उन्होंने आज सुबह दम तोड़ दिया. एक लड़के सहित तीन लोगों का अभी भी उसी अस्पताल में इलाज चल रहा है.
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच कर रही सीबीआई रविवार को नजमा बीबी का बयान दर्ज नहीं कर सकी, जब उसके अधिकारी अस्पताल पहुंचे थे, क्योंकि उनकी हालत नाजुक थी. गत 21 मार्च को तड़के अज्ञात हमलावरों ने रामपुरहाट के पास बोगतुई गांव में करीब 10 घरों पर पेट्रोल बमों से हमला करके आग लगा दी थी, जिसमें करीब आठ लोगों की मौत हो गई थी. माना जाता है कि इस हमले की योजना एक स्थानीय टीएमसी नेता की हत्या का बदला लेने के लिए बनाई गई थी.
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बता दें कि इस बीच, पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद भाजपा विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और वे अध्यक्ष के आसन तक पहुंच गये तथा बीरभूम हिंसा के मद्देनजर राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बयान की मांग करने लगे. अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने सदन में लगातार नारेबाजी कर रहे भाजपा विधायकों को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन वे शांत नहीं हुए तथा सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच जुबानी जंग जारी रही, जिसने बाद में हाथापाई का रूप अख्तियार कर लिया. अधिकारी ने उसके बाद सदन से बर्हिगमन किया तथा दावा किया कि टीएमसी के विधायकों ने भाजपा विधायकों के साथ मारपीट की.
अधिकारी ने कहा कि विधानसभा के भीतर भी विधायक सुरक्षित नहीं हैं. टीएमसी विधायकों द्वारा हमारे कम से कम आठ से 10 विधायकों के साथ सिर्फ इसलिए मारपीट की गयी, क्योंकि हमने कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर मुख्यमंत्री से बयान देने की मांग की थी. जिन विधायकों के साथ मारपीट की गयी उनमें पार्टी के मुख्य सचेतक मनोज टिग्गा भी शामिल हैं.