कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बीरभूम में भड़की हिंसा में 8 लोगों की मौत के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विपक्षी दलों के निशाने पर हैं. कांग्रेस, बीजेपी समेत विपक्ष के नेताओं ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग की है. सीपीआई के नेताओं के बाद शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल भी बुधवार को बीरभूम पहुंचा. उन्होंने ममता सरकार पर प्रतिनिधिमंडल को रोकने का आरोप लगाते हुए घटना की सीबीआई जांच कराने और प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की. विपक्ष के हमलों का सीएम ममता बनर्जी ने भी जवाब दिया है. उन्होंने बीरभूम की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और कहा कि उनकी सरकार 'निष्पक्ष' तरीके से कार्रवाई करेगी. उन्होंने गुरुवार को बीरभूम जाने की घोषणा की.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हमारी है, हमें अपने राज्य के लोगों की चिंता है. हम कभी नहीं चाहेंगे कि किसी को तकलीफ हो. रामपुरहाट की घटना के बाद ओसी, एसडीपीओ को तत्काल बर्खास्त कर दिया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की घटनाएं गुजरात और राजस्थान में भी हुई हैं. भाजपा पर निशाना साधते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि यह बंगाल है, उत्तर प्रदेश नहीं. मैंने हाथरस में टीएमसी का एक प्रतिनिधिमंडल भेजा था, लेकिन हमें जाने नहीं दिया गया. लेकिन हम यहां किसी को आने से नहीं रोक रहे हैं.
बता दें कि बीरभूम हिंसा पर ममता बनर्जी की सरकार चौतरफा घिरती नजर आ रही है. बुधवार को इस मामले की कलकत्ता हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि, सच सभी के सामने जरूर आना चाहिए. हाई कोर्ट ने ममता सरकार को बीरभूम हिंसा मामले में 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही हाई कोर्ट ने गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और घटनास्थल की 24 घंटे निगरानी के आदेश भी दिए हैं. कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया है कि वह 24 घंटे निगरानी सुनिश्चित करने के लिए जिला न्यायाधीश की उपस्थिति में घटनास्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने भी अपना पक्ष रखा. सीबीआई ने कोर्ट से कहा कि अगर उच्च न्यायालय आदेश देता है तो केंद्रीय एजेंसी इस मामले की जांच करने के लिए तैयार है.
बता दें कि पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में तृणमूल कांग्रेस के नेता भादू शेख की हत्या के बाद भड़की हिंसा में 2 बच्चों सहित 8 लोगों की मौत हो गई थी. जिस बागतुई गांव में आगजनी हुई, वहां के लोग दहशत में गांव छोड़कर जा रहे हैं. बीरभूम हिंसा में अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी समेत कई विपक्षी नेताओं ने केंद्र से पश्चिम बंगाल में अनुच्छेद 355 लागू करने का आग्रह किया है.
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