राजस्थान कहर बरपा रहा बिपरजॉय जयपुर. अरब सागर से उठा चक्रवात बिपरजॉय राजस्थान में कहर बरपा रहा है. इसके असर से राज्य के कई इलाकों में पिछले 42 घंटे से बारिश जारी है. राजस्थान की बाड़मेर, जालोर और पाली जिले के कई इलाकों मे बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. वहीं, सिरोही, बांसवाड़ा, उदयपुर, राजसमंद, अजमेर और कोटा सहित कई जिलों में तेज बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. प्रदेश में अब तक इस बरसात में 6 लोगों की मौत हो चुकी है.
राजस्थान के कुछ इलाकों में अब तक 10 से 13 इंच तक बारिश हो चुकी है. बाड़मेर जिले के सेड़वा थाना इलाके के गंगासरा गांव के तालाब में डूबने से दो चचेरे भाइयों की मौत हो गई. वहीं सिवाना के राखी गांव में तालाब पर नहाने गए युवक की डूबने से मौत हो गई. इसी प्रकार राजसमंद के बाघोटा गांव में चट्टान के नीचे दबने से युवक की मौत हो गई. जबकि जिले केलवा गांव में मकान का छज्जा गिरने से एक महिला की मौत हो गई. वहीं, पाली के फालना में कार के साथ बहे युवक की भी मौत हो गई. प्रदेश में अब तक इस बारिश में 6 लोगों की मौत हो चुकी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बिपरजॉय तूफान के कारण बनी परिस्थितियों को लेकर जालोर, सिरोही, बाड़मेर और पाली के कलेक्टरों से बात की है. सरकार ने दावा किया है कि चारों जिलों में स्थिति नियंत्रण में है और लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.
पढे़ं :Cyclone Effect : सांचौर में हाल बेहाल, मुख्य बाजार में 5 फीट तक चल रहा पानी...कच्ची बस्तियां जलमग्न
राजस्थान के तीन जिलों में हालात बिगड़ेःबाड़मेर में बिगड़े हालात के बीच एनडीआरएफ की टीम तैनात है और स्थिति पर निगाह बनाए हुए हैं. वहीं, दूसरी ओर जालोर में भी सेना ने सतर्क रहते हुए स्थिति पर नजर बनाए रखी है. पाली जिले के सुमेरपुर और बाली इलाके में भी कई बस्तियों में पानी भरने के साथ ही नदियों में उफान के चलते आवागमन बाधित हुआ है. प्रशासन ने इस बरसात के बाद नुकसान का आकलन नहीं किया है, लेकिन हजारों लोगों के जनजीवन पर सीधा असर पड़ा है. बाड़मेर और जालोर जिले में कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, वही सांचौर के नजदीक रेलवे लाइन के नीचे से मिट्टी धंसने से रेल यातायात पर भी असर पड़ा है. पाली में भी फिलहाल जवाई नदी के उफान पर होने के कारण मुख्य मार्गों पर रास्ता रोक दिया गया है.
कई इलाके डूब गएःजालोर जिले के सांचौर में सुरावा बांध टूटने से कई इलाके डूब गए हैं. बांध टूटने से नर्मदा लिफ्ट कैनाल में पानी बढ़ने से वह भी टूट गई है, अब सबसे ज्यादा खतरा सांचौर शहर पर मंडरा रहा है. शनिवार रात बांध टूटने की जानकारी मिलते ही मंत्री सुखराम बिश्नोई ने रात को ही मुनादी कराते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर पहुंचने में मदद की. रानीवाड़ा में भी पूर्व विधायक रतन देवासी ने ग्राउंड पर रहकर लोगों के रेस्क्यू में प्रशासन की मदद की. सिरोही के माउंट आबू में भी रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई है. जिसके बाद नदी नाले उफान पर हैं, प्रशासन ने लोगों से पानी से दूर रहने की अपील की है.
अभी 2 दिन बना रहेगा बरसात का दौरः मौसम केंद्र जयपुर के मुताबिक बिपरजॉय के असर से सोमवार सुबह तक अजमेर, जयपुर, टोंक, सवाई माधोपुर समेत आस-पास के जिलों में बरसात होगी. 19 और 20 जून को इसका असर भरतपुर, कोटा संभाग के जिलों में रहेगा. कल चक्रवात और कमजोर होकर डिप्रेशन से वेल मार्क लो प्रेशर एरिया में बदल जाएगा. चक्रवात अभी 10 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से नॉर्थ-ईस्ट दिशा की तरफ आगे बढ़ रहा है. राजस्थान के लिहाज से मौसम विशेषज्ञ इस चक्रवात को मई 2021 में आए ताऊ-ते तूफान और 1998 में आए चक्रवात से भी ज्यादा खतरनाक मान रहे हैं. उस समय राजस्थान में इतनी बारिश नहीं हुई थी. ताऊ-ते चक्रवात का सबसे ज्यादा असर उदयपुर संभाग के डूंगरपुर में पड़ा था, जहां वेंजा एरिया में 239एमएम बारिश दर्ज हुई थी. वहीं, 1998 में आए चक्रवात से जालोर, बाड़मेर और नागौर में 200 एमएम बारिश हुई थी.
जोधपुर में भी 12 घंटे से बरसात जारीः राजस्थान के दूसरे प्रमुख शहर सनसिटी जोधपुर में भी लगातार बारिश ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है. निचले इलाकों के अलावा रेलवे यार्ड और रेलवे कॉलोनी के क्वार्टर्स में पानी भर गया. शहर के महा मंदिर, परकोटा इलाके और सोजती गेट क्षेत्र में सड़कों पर 2 से 3 फीट की पानी की परत चल रही है. रेलवे ने बाड़मेर से होकर गुजरने वाली 14 ट्रेनों को भी रद्द कर दिया है.
शेखावत ने किया ट्वीटःजोधपुर सांसद और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट करते हुए कहा कि चक्रवाती तूफान बिपरजॉय ने राजस्थान पहुंचकर जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. जोधपुर और आसपास के क्षेत्रों से मैं लगातार अपडेट ले रहा हूं. सांचौर के सुरावा बांध का टूटना बड़ी दुर्घटना है. वहां के रहवासियों को सुरक्षित किया जाना, पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. राज्य सरकार को बहुत तेजी से काम करना होगा. राहत एवं बचाव में एनडीआरएफ की टीम जुटी हुई है,नागरिकों से किसी भी प्रकार जोखिम न उठाने का निवेदन है, सरकार, प्रशासन और एनडीआरएफ के निर्देशों का पालन करें.