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Published : Nov 23, 2020, 10:53 PM IST

Updated : Nov 25, 2020, 9:14 PM IST

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कारवार बीच पर रात में उतरता है आसमान, जानें वैज्ञानिक कारण

कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में स्थित कारवार समुद्री तट का दृश्य काफी मनोरम दिखता है. यहां रात में दीप्तिमान नीली लहरें दिखाई देती हैं, मानो आसमान नीचे उतर आया हो.

Karwar Beach
कारवार बीच

बेंगलुरु : कारवार समुद्री तट कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में स्थित है. इस समुद्री तटीय क्षेत्र का दृश्य काफी मनोरम दिखता है. तट पर दीप्तिमान नीली लहरें मन मोह लेती हैं. रात के समय नीली रोशनी कारवार के समुद्र तट को और सुंदर बना देती हैं, मानो आसमान नीचे उतर आया हो.

कारवार समुद्र तट पर शैवाल पाए जाते हैं. ये शैवाल समुद्र की लहर के साथ तैरते हैं. साथ ही सुबह के समय समुद्र तट पर चलने से पैरों के निशान पर नीली रोशनी नजर आती है, जो यहां सैर करने आने वाले लोगों को और आकर्षित करती है.

कारवार बीच का अद्भुत नजारा.

अद्भुत नीली रोशनी का वैज्ञानिक कारण
वैज्ञानिक रूप से, डाइनोफ्लैगेलेट नोक्टिलुका स्किंटिलन (Dinoflagellate Noctiluca Scintillans) नामक सूक्ष्मजीव एक नीले प्रकाश का उत्पादन करते हैं, जो शरीर से रसायन स्रावित करता है और जुगनू के रूप में चमकते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं तब दिखाई देती हैं जब एक ही कोशिका वाले ये रोगाणु (Microbes) लाखों में एक साथ आते हैं.

कारवार बीच का मनोरम दृश्य.

इस प्राकृतिक घटना को जैव-संदीप्‍ति (Bioluminescence) के रूप में जाना जाता है. जब जैव-संदीप्‍ति होता है, तो समुद्र का हरापन होना आम बात है. जैव-संदीप्‍ति शैवाल द्वारा उत्सर्जित प्रकाश है. शैवाल रासायनिक प्रतिक्रियाओं के माध्यम से नीली रोशनी का उत्सर्जन करते हैं.

Last Updated : Nov 25, 2020, 9:14 PM IST

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