हैदराबाद :संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होगा और 23 दिसंबर तक चलेगा. 25 दिनों के सत्र में संसद 19 दिन काम करेगी. इस दौरान सरकार तीनों कृषि कानून को निरसत करने वाले विधेयक सहित कुल 26 विधेयक प्रस्तुत कर सकती है.
यहां उन विधेयकों की सूची दी गई है जो सरकार द्वारा प्रस्तुत किए जा सकते हैं :-
इन तीन अध्यादेशों को बदलने के लिए तीन विधेयकों को सूचीबद्ध किया गया है :
स्वापक औषधि और मानसिक पदार्थ (संशोधन) विधेयक, 2021 (The Narcotic Drugs and Psychotic Substances (Amendment) Bill, 2021)
यह विधेयक जिसके पेश किए जाने की संभावना है, एक अध्यादेश की जगह लेगा जो नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 में संशोधन करेगा. नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंस (संशोधन) अध्यादेश, 2021 सितंबर 2021 को प्रख्यापित किया गया था. अध्यादेश एक मसौदा त्रुटि को ठीक करने के लिए नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक पदार्थ अधिनियम, 1985 में संशोधन करता है. यह अधिनियम मादक दवाओं और मन:प्रभावी पदार्थों से संबंधित कुछ कार्यों (जैसे निर्माण, परिवहन और खपत) को नियंत्रित करता है.
केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021 (The Central Vigilance Commission (Amendment) Bill, 2021)
केन्द्रीय सतर्कता आयोग विधेयक, संसद के दोनों सदनों द्वारा वर्ष 2003 में पास किया गया तथा राष्ट्रपति ने 11 सितम्बर, 2003 को इस विधेयक को स्वीकृति दी. इस प्रकार, केन्द्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम, 2003 (2003 की संख्या 45) उसी तिथि से प्रभावी हुआ. 2003 का अधिनियम भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत कथित तौर पर किए गए अपराधों की जांच करने के लिए एक केंद्रीय सतर्कता आयोग के गठन का प्रावधान करता है.
दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (संशोधन) विधेयक, 2021(The Delhi Special Police Establishment (Amendment) Bill, 2021)
दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (संशोधन) अध्यादेश, 2021 को 14 नवंबर, 2021 को प्रख्यापित किया गया था. यह दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 में संशोधन करता है. यह अधिनियम किसी भी संघ में कुछ अपराधों की जांच के लिए दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के गठन का प्रावधान करता है.
अन्य बिल :
क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 (The cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021)
क्रिप्टोक्यूरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021, भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने का प्रयास करता है, हालांकि, यह अंतर्निहित प्रौद्योगिकी और इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कुछ रियायतों की अनुमति देता है. बिल का उद्देश्य भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा बनाना है.
असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (रेगुलेशन) बिल, 2020 (The Assisted Reproductive Technology Regulation Bill, 2020)
लोकसभा में 14 सितंबर, 2020 को असिस्टेड रीप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (रेगुलेशन) बिल, 2020 को पेश किया गया. यह बिल असिस्टेड रीप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी सेवाओं के रेगुलेशन के प्रावधान का प्रयास करता है. बिल की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
असिस्टेड रीप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (एआरटी): बिल के अनुसार, एआरटी में ऐसी सभी तकनीक शामिल हैं जिनमें मानव शरीर के बाहर स्पर्म या ओसाइट (अपरिपक्व एग सेल) को रखकर किसी महिला की प्रजनन प्रणाली में गैमेट या भ्रूण को प्रत्यारोपित करके गर्भावस्था हासिल की जाती है. एआरटी सेवाओं के उदाहरणों में गैमेट (स्पर्म या ओसाइट) डोनेशन, इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (लैब में एग को फर्टिलाइज करना), और जेस्टेशनल सेरोगेसी (जब बच्चा सेरोगेट माता से बायोलॉजिकली संबंधित नहीं होता) शामिल हैं. एआरटी सेवाएं निम्नलिखित के जरिए प्रदान की जाती हैं: (i) एआरटी क्लिनिक, जोकि एआरटी संबंधी उपचार और प्रक्रियाएं प्रदान करते हैं, और (ii) एआरटी बैंक जोकि गैमेट्स को स्टोर और सप्लाई करते हैं.
एआरटी क्लिनिक और बैंकों का रेगुलेशन: बिल के अनुसार, हर एआरटी क्लिनिक और बैंक को नेशनल रजिस्ट्री ऑफ बैंक्स एंड क्लिनिक्स ऑफ इंडिया में रजिस्टर होना चाहिए. बिल के अंतर्गत नेशनल रजिस्ट्री बनाई जाएगी और वह देश में सभी एआरटी क्लिनिक्स और बैंक्स के विवरणों वाले केंद्रीय डेटाबेस की तरह काम करेगी. राज्य सरकारें रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए रजिस्ट्रेशन अथॉरिटीज़ की नियुक्तियां करेंगी. क्लिनिक और बैंकों को सिर्फ तभी रजिस्टर किया जाएगा, अगर वे कुछ मानदंडों का पालन करेंगे (विशेषज्ञता प्राप्त कर्मचारी, भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर और डायगनॉस्टिक सुविधाएं). रजिस्ट्रेशन पांच वर्षों के लिए वैध होगा और अगले पांच वर्षों के लिए रीन्यू किया जा सकता है. अगर बिल के प्रावधानों का उल्लंघन होगा तो रजिस्ट्रेशन रद्द या सस्पेंड किया जा सकता है.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (संशोधन) विधेयक, 2021 (The National Institute of Pharmaceutical Education and Research (Amendment) Bill, 2021)
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (संशोधन) विधेयक, 2021, जिसे 15 मार्च, 2021 को लोकसभा में पेश किया गया था, की रासायनिक और उर्वरक पर स्थायी समिति द्वारा जांच की गई और इसकी रिपोर्ट 4 अगस्त, 2021 को संसद में पेश की गई. विधेयक छह अतिरिक्त राष्ट्रीय औषधि शिक्षा और अनुसंधान संस्थान को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान घोषित करता है. विधेयक में फार्मास्युटिकल शिक्षा और अनुसंधान और मानकों के रखरखाव के विकास को सुनिश्चित करने के लिए विधेयक के तहत संस्थानों के बीच गतिविधियों का समन्वय करने के लिए एक परिषद बनाने का प्रावधान है.
माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण (संशोधन) विधेयक, 2019 (The Maintenance and Welfare of Parents and Senior Citizens (Amendment) Bill, 2019)
- बिल बच्चों की परिभाषा में सौतेले बच्चे, दत्तक (जिन्हें गोद लिया गया है) बच्चे, बहू-दामाद और नाबालिग बच्चों के लीगल गार्जियन को भी शामिल करता है.
- एक्ट के अंतर्गत भरण-पोषण ट्रिब्यूनल बच्चों को इस बात का निर्देश दे सकता है कि वे अपने माता-पिता को अधिकतम 10,000 प्रति माह की भरण-पोषण राशि चुकाएं. बिल इस राशि की अधिकतम सीमा को हटाता है.
- एक्ट में वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह प्रावधान है कि वे भरण-पोषण ट्रिब्यूनल के फैसलों के खिलाफ अपील कर सकते हैं. बिल बच्चों और संबंधियों को ट्रिब्यूनल के फैसलों के खिलाफ अपील करने की अनुमति देता है.
- बिल में प्रावधान है कि अगर बच्चे या संबंधी भरण-पोषण के आदेश का पालन नहीं करते तो ट्रिब्यूनल देय राशि की वसूली के लिए वॉरंट जारी कर सकता है. यह जुर्माना न भरने पर एक महीने तक की, या जब तक भुगतान नहीं किया जाता, तब तक की सजा हो सकती है.
- बिल में वरिष्ठ नागरिकों के लिए निजी केयर होम्स, और होम केयर सेवा प्रदान करने वाले संस्थानों के रेगुलेशन का प्रावधान है.
दिवाला और दिवालियापन (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2021 (The Insolvency and Bankruptcy(Second Amendment) Bill, 2021)
यह दिवालियापन से निपटने के लिए मजबूत तंत्र विकसित करने में मदद करेगा. दिवाला और दिवालियापन (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2021 दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 को मजबूत और सुव्यवस्थित करेगा. विधेयक का उद्देश्य दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 के तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के रूप में वर्गीकृत कॉर्पोरेट व्यक्तियों के लिए एक कुशल वैकल्पिक दिवाला समाधान प्रक्रिया प्रदान करना और इसमें तेजी लाना है.
मानव तस्करी (संरक्षण पुनर्वास) विधेयक, 2021 (The Trafficking of Persons (Protection Rehabilitation) Bill, 2021
- बिल सभी प्रकार की मानव तस्करी की जांच, उसके निवारण, संरक्षण और तस्करी के पीड़ितों के पुनर्वास के लिए कानून बनाता है.
- बिल जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर जांच और पुनर्वास अथॉरिटीज़ की स्थापना करता है. पीड़ितों को छुड़ाने और मानव तस्करी के मामलों की जांच करने के लिए एंटी ट्रैफिकिंग यूनिट्स की स्थापना की जाएगी. पुनर्वास कमिटीज़ छुड़ाए गए पीड़ितों की देखभाल और पुनर्वास करेगी.
बांध सुरक्षा विधेयक (The Dam Safety Bill)
बिल देश भर में निर्दिष्ट बांधों की चौकसी, निरीक्षण, परिचालन और रखरखाव संबंधी प्रावधान करता है. इन बांधों में 15 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले, या 10 मीटर से 15 मीटर की ऊंचाई तथा विशिष्ट डिजाइन और स्ट्रक्चर वाले बांध शामिल हैं. लोकसभा द्वारा 2 अगस्त 2019 को पारित बांध सुरक्षा विधेयक शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में पारित होने के लिए सूचीबद्ध है.
बिल दो राष्ट्रीय निकायों: राष्ट्रीय बांध सुरक्षा कमिटी और राष्ट्रीय बांध सुरक्षा अथॉरिटी की स्थापना करता है। कमिटी के कार्यों में बांध सुरक्षा मानदंडों से संबंधित नीतियां बनाना और रेगुलेटरों को सुझाव देना है. अथॉरिटी के कार्यों में राष्ट्रीय कमिटी की नीतियों को लागू करना, राज्य बांध सुरक्षा संगठनों (एसडीएसओज़) को तकनीकी सहायता प्रदान करना और राज्य बांध सुरक्षा संगठनों (एसडीएसओज़) के बीच, और एसडीएसओ एवं उस राज्य के बांध मालिकों के बीच के विवादों को सुलझाना शामिल है.