नई दिल्ली: संसद ने उस विधेयक को मंजूरी दे दी जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए तंत्र स्थापित करने का प्रावधान है. इससे पहले आज मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्तियों व उनकी सेवा शर्तों को विनियमित करने से संबंधित विधेयक गुरुवार को लोकसभा में चर्चा और पारित करने के लिए रखा गया. मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और पदावधि) विधेयक, 2023 को सदन में चर्चा एवं पारित करने के लिए रखा.
इस दौरान कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने उच्चतम न्यायालय के निर्णय का हवाला दिया. उस निर्णय में उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि संविधान निर्माताओं ने निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति के संबंध में कानून बनाने की बात कही थी. लेकिन इसे कई साल बीत गए.
उन्होंने कहा कि 1991 में एक कानून बना, लेकिन उसमें मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति का उल्लेख नहीं था. मेघवाल के अनुसार, उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि जब तक संसद इस संबंध में कानून नहीं बनाएगी, तब तक उसके फैसले के अनुरूप नियुक्ति की व्यवस्था जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि इसी संदर्भ में सरकार यह कानून बनाने जा रही है. उन्होंने कहा कि राज्यसभा इस विधेयक को पारित कर चुकी है.