पंचमहल (गुजरात) :बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों की रिहाई से पीड़ित परिवार में रोष है. बिलकिस बानो के पति याकूब ने कहा कि 11 जघन्य अपराधियों को जिस तरह से छोड़ दिया गया है, इससे हम मायूस हैं, डर भी है. याकूब ने कहा कि सरकार और सुप्रीम कोर्ट से यही उम्मीद है कि इन्हें दोबारा जेल भेजे. याकूब ने बताया कि जब भी ये लोग पैरोल पर आते थे, तो गवाहों को धमकाते थे. याकूब ने कहा कि इतने सालों की लड़ाई का न्याय तब पूरा होगा जब दोषियों को फिर से जेल भेजा जाएगा.
गौरतलब है कि गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि बिलकिस बानो मामले के 11 दोषियों को 14 साल जेल की सजा पूरी करने के बाद रिहा कर दिया गया है, क्योंकि उनका व्यवहार अच्छा पाया गया और उनकी रिहाई को केंद्र ने भी मंजूरी दी थी. राज्य के गृह विभाग के अवर सचिव ने एक हलफनामे में कहा, 'राज्य सरकार ने सभी राय पर विचार करने के बाद 11 कैदियों को रिहा करने का फैसला लिया, क्योंकि उन्होंने जेलों में 14 साल से अधिक की सजा पूरी कर ली है और उनका व्यवहार अच्छा पाया गया है.'
ये है मामला : 27 फरवरी 2002 को गोधरा रेलवे स्टेशन पर साबरमती ट्रेन में आग लगा दी गई थी. इसमें 58 हिंदू कार सेवक जिंदा जल गए थे. इसके बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे. इन दंगों में एक नाम जो काफी चर्चा में था, वह था दाहोद जिले के रंधिकपुर गांव की बिलकिस बानो और उनके परिवार का. 2002 के दंगों में उनके साथ दुष्कर्म हुआ था. उनके परिवार के सदस्य की हत्या की गई थी. इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी. इस मामले में 11 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी लेकिन 15 अगस्त को 11 आरोपियों को राज्य सरकार ने रिहा कर दिया.