Tadmetla Naxal Encounter: ताड़मेटला नक्सल एनकाउंटर पर सीएम बघेल का बयान, मुठभेड़ मामले की हो रही जांच
Tadmetla Naxal Encounter: सुकमा के ताड़मेटला नक्सल एनकाउंटर पर सीएम भूपेश बघेल ने बड़ा बयान दिया है. सीएम बघेल ने इस मुठभेड़ में जांच की बात कही है. बीजापुर दौरे के दौरान सीएम ने यह बयान दिया है. Tadmetla Naxal Encounter investigation continues
बीजापुर: सुकमा के ताड़मेटला में बीते पांच सितंबर को पुलिस नक्सली मुठभेड़ हुई थी. इस एनकाउंटर में दो मौतें हुई थी. सुरक्षाबल इन्हें नक्सली बता रहे हैं. जबकि गांव वाले और अन्य सोशल वर्कर इस मुठभेड़ को फर्जी बता रहे हैं. इस एनकाउंटर में जांच की मांग की जा रही है. अब इस मसले पर सीएम भूपेश बघेल का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा है ताड़मेटला नक्सल मुठभेड़ की जांच हो रही है. सीएम ने बीजापुर दौरे के दौरान 457 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात भी दी है
"पुलिस ने कहा मारे गए दोनों युवक नक्सली समर्थक": ताड़मेटला एनकाउंटर में सीएम ने कहा है कि" इस मसले पर मेरी बात पुलिस अधिकारियों से हुई है. पुलिस फोर्स ने बताया कि ताड़मेटला एनकाउंटर में जो दो ग्रामीण मारे गए हैं. वह नक्सली समर्थक हैं. पुलिस अफसरों से इस मसले पर चर्चा हुई है"
"सुकमा के लोगों की शिकायत मिली है. उनकी मांग के बाद इस एनकाउंटर की जांच करवाई जा रही है. दूसरी तरफ सिलेगर और एडसमेटा नक्सली एनकाउंटर केस में भी जांच आयोग का गठन किया गया है. इसकी जांच करवाई जा रही है": भूपेश बघेल, सीएम, छत्तीसगढ़
सर्व आदिवासी समाज ने भी इस एनकाउंटर को बताया था फर्जी: ताड़मेटला पुलिस नक्सली मुठभेड़ अब तूल पकड़ता जा रहा है. बीते दिनों सर्व आदिवासी समाज के मुखिया अरविंद नेताम ने भी इस मसले पर अपना विरोध जताया था. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दो लोगों को नक्सली बताकर मारने का आरोप लगाया था. अरविंद नेताम ने कहा कि" इस मामले में सर्व आदिवासी समाज जांच टीम का गठन कर रही है. जो इस केस में जांच कर रिपोर्ट सौंपने का काम करेगी"
क्या है पूरा मामला समझिए: पांच सितंबर 2023 को सुकमा के ताड़मेटला में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के जवानों के बीच मुठभेड़ हुई थी. सुरक्षा बलों की तरफ से दावा किया गया था कि इस एनकाउंटर में दो नक्सलियों की मौत हुई है. दोनों की पहचान रवा देवा और सोढ़ी कोसा के रूप में हुई थी. पुलिस का दावा था कि दोनों जन मिलिशिया सदस्य थे. दोनों पर एक एक लाख रुपये का इनाम घोषित था. लेकिन इस मामले में सोशल वर्कर बेला भाटिया और गांव के लोग लगातार पुलिस प्रशासन पर आरोप लगा रहे हैं कि मारे जाने वाले दोनों लोग ग्रामीण हैं. उसके बाद आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने भी इस मामले में जांच की बात कही थी.