बीजापुर : 19 साल का इंतजार बस कुछ महीनों में खत्म होने वाला था. अपने हाथों में नन्हे-नन्हे मखमली हाथों को लेने का इंतजार था. गोद में अपने अंश को खिलाने के लिए मन आतुर था. घर में उस नन्ही सी जान की किलकारियों को सुनने के लिए कान तरस रहे थे, लेकिन इन सारी ख्वाहिशों को ग्रहण लगा दिया कायर नक्सलियों ने, जिन्होंने 3 अप्रैल को निर्दोष 22 जवानों के खून से होली खेली और इसमें बीजापुर के जवान किशोर एंड्रीक भी शहीद हो गए.
किशोर एंड्रीक बीजापुर नक्सली हमले में हुए शहीद
3 अप्रैल को तर्रेम थाना क्षेत्र के जोनागुड़ा में हुए नक्सली हमले में 22 जवान शहीद हो गए. इनमें किशोर एंड्रीक भी थे. किशोर 19 सालों के बाद पिता बनने वाले थे. उनकी पत्नी रिंकी अभी 4 महीने की गर्भवती हैं. दोनों पति-पत्नी को अपने प्यार की इस निशानी का बेसब्री से इंतजार था. दोनों ने साथ-साथ इस बच्चे को पालने का सपना देखा था. सुनहरे भविष्य के मंसूबे बांधे थे, लेकिन 3 अप्रैल को किशोर की शहादत के साथ ही कई सपने चकनाचूर होकर बिखर गए.
शहीद किशोर की पत्नी हैं 4 महीने की प्रेगनेंट
अब गर्भवती पत्नी रिंकी एंड्रीक सदमे में हैं. ईटीवी भारत की टीम ने जब उनसे बात की, तो उनका दर्द उनके चेहरे पर साफ नजर आया. इतने सालों के बाद मां बनने की खुशी को पति की मौत ने तोड़ कर रख दिया है. वहीं जब वो लाडला इस दुनिया में कदम रखेगा, तो उसे भी अपने पिता के साए से महरूम रहना होगा. नक्सलियों के पाप आखिर कब तक उन्हें बचाएंगे कि उन्होंने एक नन्ही सी जान के दुनिया में आने से पहले ही उसके सिर से पिता का साया छीन लिया. उसकी मां को दुनिया के झंझावातों का सामना करने के लिए अकेले छोड़ दिया.