नई दिल्ली: एक संसदीय समिति अगले महीने बिहार और तेलंगाना के राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों को बायोमैट्रिक सिस्टम (biometric systems) समेत तकनीक के इस्तेमाल को लेकर एक बैठक करेगी. जिसमें स्थानीय निकाय चुनाव के दौरान तकनीक के इस्तेमाल (use of technology in polls) की प्रस्तुति (presentation) दी जाएगी. स्थानीय निकाय चुनाव में वास्तविक मतदाताओं (Genuine voters) को प्रमाणित करने के लिए ये कदम उठाया गया है.
कानून और कार्मिक संबंधी स्थायी समिति के अध्यक्ष (Standing Committee on Law and Personnel) सुशील मोदी (Sushil Modi) ने कहा कि पैनल दोनों राज्यों के चुनाव आयोगों को एक प्रस्तुति के लिए दिल्ली बुलाएगा. सुशील मोदी ने कहा कि "पहली बार बिहार ने पंचायत चुनावों के दौरान मतदाताओं को प्रमाणित करने के लिए बायोमेट्रिक प्रणाली (biometric system in panchayat election) का इस्तेमाल किया, मतदान प्रतिशत कम होकर 65 फीसदी तक पहुंच गया क्योंकि सिर्फ वास्तविक मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया था"
सुशील मोदी ने कहा कि बिहार राज्य चुनाव आयोग (Bihar State Election Commission) ने एक और तकनीक का भी प्रयोग किया है. हर ईवीएम (control unit) पर दिखाए गए परिणामों को सीसीटीवी कैमरों में कैद किया गया और उन्हें सभी परिणामों को जोड़ने के बाद गणना के लिए भेजा गया. इससे ईवीएम में प्रदर्शित होने वाले परिणाम कागज पर नोट कर लिए जाते हैं और गणना के लिए भेज दिए जाते हैं. बिहार में इस्तेमाल की गई इस प्रणाली के तहत सबकुछ तेज और स्वचालित (automated) होता है.