पटना : रविवार को बिहार की राजधानी पटना के पास नई दिल्ली से हावड़ा जाने वाली 12274 दुरंतो एक्सप्रेस में यात्रियों से लूटपाट (Duronto Express Robbery) की घटना सामने आई है. यात्रियों को लूटने के बाद बदमाश खुसरूपुर बख्तियारपुर के बीच सालिमपुर के पास चेन खींच कर फरार हो गए. इस मामले में यात्रियों ने हावड़ा जीआरपी में मामला दर्ज कराया है. वहीं, एडीजी मुख्यालय जीएस गंगवार ने इस मामले पर कहा है कि घटना में शामिल अपराधियों को जल्द पकड़ लिया जाएगा.
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''घटना संज्ञान में आया है और इस मामले में सभी अपराधियों को जल्द पकड़ लिया जाएगा. अपराधियों को चिन्हित कर उनकी गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही है. इस पूरे मामले में रेल एसपी भी नजर बनाए हुए हैं. जल्द ही इस पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा.'' - जीएस गंगवार, एडीजी मुख्यालय, बिहार
प्रीमियर ट्रेनों में विशेष सुरक्षा पर विचार कर रहा रेलवे : इस बीच, रेल मंत्रालय बिहार में नई दिल्ली-हावड़ा दुरंतो एक्सप्रेस में रविवार को हुई डकैती के बाद राजधानी, शताब्दी और दुरंतो जैसी प्रमुख ट्रेनों में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कमांडो की फिर से तैनाती पर गंभीरता से विचार कर रहा है. इस ट्रेन को रात में सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) की सशस्त्र टुकड़ियों द्वारा एस्कॉर्ट किया जाना था. यात्रियों ने हालांकि शिकायत की है कि जीआरपी दल पटना स्टेशन पर उतरे जहां रविवार को दोपहर करीब एक बजे ट्रेन पहुंची.
दुरंतो एक्सप्रेस में बंदूक की नोक पर यात्रियों से लूटपाट : दरअसल, रविवार सुबह तीन बजे हावड़ा के रास्ते में पटना स्टेशन से निकलते ही 20 हथियारबंद लुटेरे ट्रेन में सवार हो गए और बंदूक की नोक पर 7-8 डिब्बों में यात्रियों के सामान लूट लिए. बदमाशों ने ट्रेन के ए-1, बी-1, बी-2 एवं बी-3 कोच के यात्रियों से जबरन उनका पर्स, मोबाइल व जेवरात छीन लिए. वारदात को अंजाम देने के बाद पांच मिनट के अंदर ही सारे बदमाश ट्रेन से उतरकर भाग गए. ट्रेन के अपने गंतव्य पर पहुंचने के बाद कई यात्रियों ने बेहतर सुरक्षा की मांग को लेकर हावड़ा स्टेशन पर प्रदर्शन किया.
क्या कहा यात्रियों ने? : हावड़ा में उतरने के बाद एक यात्री ने कहा, "यह बेहद डरावना था. अपराधियों ने यात्रियों पर बंदूकें तान दीं और जो कुछ वे ले जा सकते थे, लूट कर ले गए. अगर दुरंतो एक्सप्रेस में ऐसा हो सकता है, तो दूसरी ट्रेनों का क्या? लोग ऐसी ट्रेनों में टिकट के लिए बहुत अधिक भुगतान करते हैं और पर्याप्त सुरक्षा के पात्र हैं.
रेलवे- 'कानून-व्यवस्था राज्य सरकारों का कर्तव्य' :इस बीच, रेलवे का दावा है कि कानून-व्यवस्था राज्य सरकारों का कर्तव्य है, लेकिन राज्यों का कहना है कि उनके पास पर्याप्त जनशक्ति नहीं है. इन सबका खामियाजा यात्रियों को क्यों भुगतना पड़े." रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इस मामले को गंभीरता से लिया गया है और इस पर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या कुछ राज्यों से गुजरने वाली ऐसी ट्रेनों में आरपीएफ की विशेष टीमों को एंड-टू-एंड तैनात किया जा सकता है. पूर्व मध्य रेलवे के वरिष्ठ आरपीएफ अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई
नीतीश राज में कमांडो को वापस ले लिया गया : बता दें कि एक समय में, नई दिल्ली जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस हावड़ा और सियालदह से जो बिहार से होकर गुजरती थी, आरपीएफ कमांडो द्वारा एस्कॉर्ट किया जाता था. जब इस तरह के एस्कॉर्ट प्रदान किए गए तो किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली. नीतीश कुमार के बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभालने के बाद कमांडो को वापस ले लिया गया और कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ.