पटना : बिहार सरकार की ओर से जातीय गणना की रिपोर्ट जारी कर दी गई है. पूरे देश में बिहार पहला राज्य है जहां इस तरह की रिपोर्ट जारी की गई है. उसमें भी मुस्लिम के पिछड़ा, अति पिछड़ा और अपर कास्ट से संबंधित पहली बार रिपोर्ट तैयार की गई है. आंकड़ों के अनुसार बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ से अधिक है. इसमें 81.99 प्रतिशत हिंदू और 17.70 फीसदी मुसलमान हैं. जबकि, अन्य धर्म के लोगों की तादाद महज 0.31 पर्सेंट है.
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जातीय गणना में मुसलमानों की संख्या : दरअसल, बिहार सरकार की ओर से जातीय गणना में मुसलमान को तीन वर्गों में बांटा गया है. इनमें अगड़ी जाति, पिछड़ी जाति और अत्यंत पिछड़े शामिल हैं. इसमें पिछड़ी जाति के मुस्लिम सबसे ज्यादा हैं. 2 करोड़ 31 लाख 49 मुस्लिम आबादी में 4% अगड़ी जाति है और शेष पिछड़ी और अत्यंत पिछड़ी जाति से आती है.
बिहार में 4 फीसदी मुस्लिम अगड़ी जाति : अगड़ी जाति के मुसलमानों को तीनों वर्गों- सैयद, शेख और पठान में बंटा गया है. अगड़ी जाति में सबसे बड़ी संख्या शेख मुसलमानों की है. इनकी तादाद 3.8217 प्रतिशत है. इसके बाद पठान 0.7548 फीसदी और फिर सैय्यद का नंबर आता है, जिनकी आबादी कुल 0.2279 प्रतिशत है. ग्राफिक्स में देखें आंकड़े-
ये हैं अति पिछड़े मुसलमान: इसके अलावा मिरियासीन की आबादी 0.0118 फीसदी, मदारी 0.0089 फीसदी, मिर्शिकार 0.051 प्रतिशत, फकीर 0.5073 प्रतिशत हैं, जबकि चूड़ीहार की जनसंख्या 0.159 पर्सेंट, राईन 1.3988 प्रतिशत, ठकुराई 0.1128 प्रतिशत, शेरशाहबादी 0.9965 फीसदी, बखो 0.0282 प्रतिशत और दर्जी 0.2522 प्रतिशत हैं. सिकलीगर मुस्लिमों की तादाद बिहार में 0.0145 फीसदी, रंगरेज 0.0332 फीसदी, मुकेरी 0.0432 फीसदी, गादेरी 0.0072 पर्सेंट, कुल्हैया 0.9591, जाट 0.0344, धोबी 0.3135 प्रतिशत, सेखदा 0.1904 प्रतिशत, गद्दी 0.0441, लालबेगी की आबादी 0.0021 और हलालखोर की जनसंख्या 0.0058 फीसदी है.