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'हमें लगा कि फंस गए हैं, पाइप से पानी बहाकर किया सूचित', उत्तराखंड टनल में फंसे बांका के विरेंद्र किस्कू लौटे अपने घर - etv bharat bihar

Bihar Labour Virendra Kisku: उत्तराखंड सुरंग में 17 दिन तक फंसे बांका के विरेंद्र किस्कू अपने गांव तेतरिया पहुंचे. दिवाली में घर में सन्नाटा और अंधेरा था. वहीं बेटे के लौटने की खुशी में परिवार ने दिवाली मनाई. घर में रिश्तेदारों की भीड़ जमा हो गई. विरेंद्र ने टनल में फंसे रहने के दौरान का अनुभव साझा करते हुए सभी को दुआ और प्रार्थना करने के लिए धन्यवाद दिया.

उत्तराखंड टनल में फंसे बांका के विरेंद्र किस्कू लौटे
उत्तराखंड टनल में फंसे बांका के विरेंद्र किस्कू लौटे बांका

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 2, 2023, 1:32 PM IST

बिहार के विरेंद्र किस्कू लौटे अपने घर

बांका: बिहार के बांका के जयपुर थाना क्षेत्र के लाल विरेन्द्र किस्कू देर रात अपने गांव तेतरिया पहुंचे, जहां परिजनों और गांव वालों ने अपने लाल का दिल से स्वागत किया. गांव में दिवाली मनाई गई. लोगों ने विरेंद्र की वापसी की खुशी में जमकर आतिशबाजी की.

बिहार के विरेंद्र किस्कू लौटे अपने घर: विरेंद्र किस्कू की मां ने बताया कि"कल देर रात्रि घर में दीपक जलाकर दिवाली जैसी खुशी मनायी गई. दिवाली वाले दिन विरेंद्र के टनल में फंसे होने की सूचना मिली जिसके बाद पूरा घर गम में डूब गया था. बेटे की वापसी के बाद सभी परिजन हमारे घर पहुंचे और दिवाली मनायी गई."

अपने बच्चों के साथ विरेंद्र किस्कू

गांव में मनायी गई दिवाली:विरेंद्र किस्कू के पिता मुन्नीलाल किस्कू ने बताया कि धरती के भगवान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं जिनके अथक परिश्रम से व उतराखंड के मुख्यमंत्री धामी के प्रयास से मेरा बेटा आज जिन्दा टनल से बाहर आ सका है.अपनी व्यथा को दर्शाते हुए उन्होंने बताया कि जब से सुना कि मेरा बेटा टनल में फंस गया है दिन रात भगवान को पुकारते थे कि बेटा सही सलामत घर आ जाये .

"माँ सुषमा हेमब्रम भी रोती बिलखती रहती थी. बच्चा सब भी पापा पापा की रट लगाते थे. देशवासियों की दुआ से आज मेरा बेटा घर लौट आया है. पर दर्द इस बात की है कि बिहार सरकार की ओर से मेरे घर एक भी पदाधिकारी या नेता नहीं आया."- मुन्नीलाल किस्कू,विरेंद्र किस्कू के पिता

बेटे की वापसी से परिवार में जश्न का माहौल

विरेन्द्र किस्कू ने सुनायी आपबीती: विरेन्द्र किस्कू ने ETV भारत को बताया कि सुबह आठ बजे के लगभग प्लेन से पटना पहुंचे, जहां बिहार के श्रम मंत्री व सचिव ने स्वागत हवाई अड्डा पर किया.श्रम प्रर्वतन पदाधिकारी प्रशांत यादव को मेरे घर तक मुझे पहुंचाने साथ भेजा गया है.विरेन्द्र किस्कू ने बताया कि यह घटना प्राकृतिक थी और जब दिवाली के रात यह घटना घटी तो विचित्र सी भयानक आवाज हुई. पहले तो हम 41 मजदूर समझ नहीं पाया कि क्या हो गया है पर बाद में पता चला कि सुरंग में मलबा गिर गया है और हम सब अन्दर फंस चुके हैं.

"तीन दिन मुढ़ी खाकर गुजारा पर चौथे दिन पाईप से खाना मिलना शुरू हुआ और चार दिन बाद टनल के बाहर की बात की जानकारी मिलना शुरू हई. ऑक्सीजन व सरकार का प्रयास के संबंध में जानकारी भी मिलने लगी.हमारे साथ टीम लीडर गब्बर सिंह नेगी थे जो सब को हिम्मत देते रहते थे. वैसे भी हम जब इस कंपनी से जुड़े तब हम सब को खतरे के समय क्या करना है बताया गया था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व उतराखंड के मुख्यमंत्री धामी का आभार देता हूं."- विरेन्द्र किस्कू, टनल से सुरक्षित लौटे मजदूर

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