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Ramcharitmanas spreads hatred: 'मेरी जीभ काटने के लिए 10 करोड़ दे दो,' रामचरितमानस विवादित बयान पर कायम हैं बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर

मंत्री चंद्रशेखर रामचरितमानस को लेकर दिए अपने बयान पर कायम हैं. उन्होंने कहा कि मैं जलने वाला आदमी हूं. जो जलेगा वो निखरेगा. साथ ही उन्होंने आचार्य परमहंस महाराज के जीभ काटने वाले ऐलान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दे दो दस करोड़ कोई तो अमीर हो जाएगा.

education minister Etv Bharat
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Published : Jan 12, 2023, 3:08 PM IST

Updated : Jan 12, 2023, 3:47 PM IST

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर

पटना:बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर दिए विवादित बयान (Education Minister statement on Ramcharitmanas) पर अडिग हैं. उन्होंने कहा कि मेरी जीभ कटे तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता है. अयोध्या के आचार्य परमहंस महाराज ने उनकी जीभ काटने वाले के लिए 10 करोड़ रुपये की इनाम की घोषणा की है. इसपर चंद्रशेखर ने हमला करते हुए कहा है कि मेरी जीभ काटने के लिए 10 करोड़ किसी को दे दो. कोई तो अमीर हो जाएगा.

पढ़ें-'बिहार के शिक्षा मंत्री की जीभ काटने वाले को 10 करोड़ का इनाम देंगे', रामचरितमानस विवाद पर परमहंस का ऐलान

अपने बयान पर कायम हैं चंद्रशेखर: शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि देश में 90 प्रतिशत लोग हैं, फिर क्यों जातीय जनगणना का विरोध हो रहा है. कौन लोग विरोध कर रहे हैं? विरोध वही यथा स्थितिवादी लोग कर रहे हैं जिनके खिलाफ संघर्ष है. संघर्ष है मनु स्मृति, रामचरितमानस के सुंदरकांड और उत्तरकांड छंद के खिलाफ.

रामचरितमानस के विवादित बयान पर कायम शिक्षा मंत्री

धर्मगुरु ने कही थी ये बात:दरअसल रामचरितमानस को लेकर दिए गए बयान के बाद से राजनीति पूरी तरह से गरमा गई है. नेताओं से लेकर धर्मगुरुओं तक ने कड़ी आपत्ति दर्ज करायी है. उत्तर प्रदेश के अयोध्या के प्रसिद्ध महंत जगतगुरू आचार्य परमहंस ने शिक्षा मंत्री के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि रामचरितमानस पर इस तरह का बयान देना सही नहीं है. शिक्षा मंत्री को इस बयान पर माफी मांगनी चाहिए. माफी नहीं मांगने पर उनकी जीभ काटने वाले को 10 करोड़ रुपये इनाम देने की भी उन्होंने घोषणा की है.

बिहार के शिक्षा मंत्री का विवादित बयान: शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने रामचरितमानस पर बोलते हुए कहा था कि, 'रामचरितमानस ग्रंथ समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है. यह समाज में दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है. उन्हें उनका हम दिलाने से रोकता है. मनुस्मृति ने समाज में नफरत का बीज बोया, फिर उसके बाद रामचरितमानस ने समाज में नफरत पैदा की और आज के समय गुरू गोलवलकर की विचार समाज में नफरत फैला रही है. मनुस्मृति को बाबा साहब अंबेडकर ने इसलिये जलाया क्योंकि वह दलितों और वंचितों के हक छीनने की बातें करती है.'

Last Updated : Jan 12, 2023, 3:47 PM IST

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