पटना :रामचरित मानस पर विवादित बयान देकर सुर्खियों में आए बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर (Bihar Education Minister Chandrashekhar) ने सफाई देते हुए फिर से अपनी बात रखी है. उन्होंने एक के बाद एक चार ट्वीट कर अपनी बात रखी. चंद्रशेखर ने कहा कि राम और रामचरितमानस दोनों में जमीन आसमान का अंतर है. मैं उस श्री राम की पूजा करता हूं जो माता शबरी के जूठे बेर खाते हैं, जो मां अहिल्या के मुक्तिदाता हैं, जो जीवन भर नाविक केवट के ऋणी रहते हैं, जिनकी सेना में हाशिये के समूह से आने वाले वन्यप्राणी वर्ग सर्वोच्च स्थान पर रहते हैं!
Ramcharit Manas Remark: सफाई में बोले चंद्रशेखर- 'रामचरितमानस फर्जी पुस्तक, राम और रामचरितमानस में अंतर' - ETV Bharat Bihar
राज्य के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के द्वारा रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान के बाद एक तरफ जहां देश और राज्य में राजनीतिक बयानबाजी का दौर जारी है. वहीं दूसरी तरफ चंद्रशेखर ने कहा है कि राम और रामचरितमानस दोनों में जमीन आसमान का अंतर है. उन्होंने रामचरितमानस को फर्जी पुस्तक करार दिया है.
'राम शबरी के जुठे बैर खाकर सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करते हैं. अब आप बताइए और सोचिए इतने उदारवादी और समाजवादी राम अचानक से रामचरितमानस में आकर शूद्रों को ढोलक की तरह पीटकर साधने की बात क्यों करने लगते हैं? इस फर्जी पुस्तक से किसे फायदा पहुंच रहा है? सवाल तो करना होगा न!!'-प्रो. चंद्रशेखर, शिक्षा मंत्री, बिहार
'रामचरितमानस में राम जातिवादी कैसे हो जाते हैं?' : प्रो. चंद्रशेखर ने आगे कहा, माता शबरी के जूठे बेर खाने वाले राम अचानक रामचरितमानस में आते ही इतने जातिवादी कैसे हो जाते हैं? किसके फायदे के लिए राम के कंधे पर बन्दूक रखकर ये ठेकेदार चला रहे हैं? यही ठेकेदार हैं जो एक राष्ट्रपति को जग्गनाथ मंदिर घुसने से रोकते, जीतन राम मांझी के मंदिर जाने पर मंदिर धोते हैं.
मैं उस रामचरितमानस का विरोध करता हूं : बिहार के शिक्षा मंत्री ने कहा कि मैं उस रामचरितमानस का विरोध करता हूं जो हमें यह कहता है कि जाति विशेष को छोड़ कर बाकी सभी नीच हैं! जो हमें शूद्र और नारियों को ढोलक के समान पीट-पीटकर साधने की शिक्षा देता है! जो हमें गुणविहीन विप्र की पूजा करने एवं गुणवान दलित, शूद्र को नीच समझ दुत्कारने की शिक्षा देता है!