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दुनिया की ताकतवर महिलाओं में शामिल बिहार की बेटी रेणु पासवान की दिलचस्प है कहानी, पिता ने 4 साल तक नहीं की बात

Bihar Daughter Renu: बिहार के मुजफ्फरपुर की रेणु पासवान दुनिया की सबसे ताकतवर महिलाओं में शुमार हैं. बाल विवाह के खिलाफ मुहिम छेड़ते हुए रेणु ने अपने पिता का घर तक छोड़ दिया था. इतना ही नहीं उनसे उनके पिता ने कई सालों तक बात तक नहीं की थी. जिंदगी में किस तरह से रेणु ने संघर्ष करते हुए ये मुकाम हासिल किया है विस्तार से पढ़ें पूरी खबर.

मुजफ्फरपुर की रेणु पासवान
मुजफ्फरपुर की रेणु पासवान

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 29, 2023, 6:22 PM IST

Updated : Dec 29, 2023, 7:56 PM IST

मुजफ्फरपुर की रेणु पासवान की दिलचस्प कहानी

मुजफ्फरपुर:आज हम उस बिहार की बेटी के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जिसपर मैट्रिक पास करते ही शादी का दबाव बनाया गया था, लेकिन उन्होंने शादी से इंकार कर दिया था. परिवार और रिश्तेदार के ताने भी सुनने पड़े. 4 साल तक परिवार से बातचीत बंद हो गई. लेकिन, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी.

मुजफ्फपुर की रेणु की हौसलों की कहानी: बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली सोशल वर्कर रेणु पासवान ने अपने कठिन मेहनत और बुलंद इरादों की बदौलत एक अलग पहचान बनाई है. उन्होंने मैट्रिक के बाद इंटर, ग्रेजुएशन और मास्टर डिग्री हासिल कर महाराष्ट्र के पुणे में एक प्रतिष्ठित कंपनी में बतौर प्रोजेक्ट मैनेजर की नौकरी की. कुछ साल नौकरी करने के बाद उसे भी रेणु ने छोड़ दिया. अब वे महिलाओं की आवाज बन चुकी हैं.

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"बाल विवाह से बचने के लिए गांव गांव संवाद भी करती हूं. शाम को महिलाओं को पढ़ाती हूं. उन्हें महिलाओं के अधिकार बारे में जानकारी देती हूं. रोजगार करने का भी हुनर सिखाती हूं."- रेणु पासवान, सोशल वर्कर

बाल विवाह के खिलाफ उठाई आवाज: रेणु बताती हैं कि उनका जन्म शहर के मालिघाट में हुआ था. उनके पिता नागेंद्र पासवान बैंक कर्मचारी थे. वे शुरू से ही जिद्दी थी. शहर के निजी स्कूल में पढ़ाई की. मैट्रिक पास करते ही शादी तय कर दी गई लेकिन, उन्होंने इसका विरोध किया. शादी से साफ साफ इंकार कर दिया. उन्होंने बताया कि उनके दोनों भाई दिव्यांग हैं, फिर भी अपने लक्ष्य से कभी नहीं डिगी. समुदाय की सोच के खिलाफ जाने पर नाते-रिश्तेदारों के ताने भी सुने, लेकिन पढ़ाई जारी रखी.

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इंटर पास करते ही चली गई बंगलौर: रेणु ने मैट्रिक के बाद इंटर मुजफ्फरपुर से किया. इंटर की पढ़ाई पूरी होने के बाद वे बेंगलुरु चली गई. वहां से उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन कंप्लीट की. 2008 में पुणे आई और एमबीए किया.

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पुणे में लगी जॉब:वे बताती है की पुणे में मास्टर कंप्लीट करने के बाद जॉब लगी. जॉब भी लगी तो देश प्रतिष्ठित कम्पनी में बतौर प्रोजेक्ट मैनेजर की. करीब 70 हजार तक महीना मिलता था. वे कभी कभी हैदराबाद भी जाती थी. इस दौरान एक अनाथालय चलाने वाली महिला से मुलाकात हुई. वे बिहार भी आती थीं. यहां देखती थी कि कई ऐसी महिलाएं हैं जो घरों से निकलना तो दूर चौका बर्तन के अलावा कुछ नहीं कर पाती हैं. इसपर उन्होंने महिला सशक्तिकरण को लेकर काम करने की ठान ली. बाल विवाह के खिलाफ भी जागरूकता अभियान चलाने लगीं.

महिलाओं के उत्थान के लिए रेणु ने स्टार्ट किया तेजस्विनी भारत

2018 से शुरू किया काम करना :वे बताती है कि वर्ष 2018 से उन्होंने महिलाओं और गरीब बच्चों के लिए काम करना शुरू कर दिया. नौकरी के साथ सोशल वर्क करने में दिक्कत आ रही थी. इसलिए उन्होंने 2021 में नौकरी छोड़ दी. इसके बाद मुजफ्फरपुर आ गई. उस वक्त से वे पूरा काम महिलाओं के लिए कर रही हैं.

बाल विवाह के खिलाफ रेणु ने उठाई आवाज

135 देश की 100 ताकतवर महिलाओं में नाम: उन्होंने आगे बताया कि उन्हें G 100 में भी शामिल किया गया है. जी-100 से अलग-अलग सशक्त महिलाएं जुड़ी हैं. इंटरप्रेन्योर से लेकर इन्वेर्स्टस तक. इसका फायदा हर तबके की महिलाओं तक पहुंचाना है. ऐसी महिलाएं, जो अपने काम में कमबैक करना चाहती हैं या जो पीड़ित हैं या जिन्हें रास्ता नहीं मिल रहा.

ग्रामीण महिलाओं के साथ रेणु पासवान की तस्वीर

जनवरी 2023 में मिला राष्ट्रपति अवार्ड: रेणु ने बताया कि जेंडर एडवोकेटर के तौर पर काम कर रही हूं. लैंगिक असमानता की शिकार महिलाओं को अलग-अलग बिजनेस से जुड़ी महिलाओं का सहयोग मिलेगा.उन्होंने बताया कि काम को लेकर काफी सराहना की गई. उन्हें दिल्ली बुलाया गया. वहां उन्हें जनवरी 2023 में राष्ट्रपति अवार्ड से भी नवाजा गया.

क्या है G-100: जी 100 एक इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म है, जो महिलाओं के सशक्तिकरण पर काम करता है. इसमें अलग-अलग क्षेत्र 135 देशों की महिला लीडर हैं, जो अलग-अलग देशों की महिलाओं के लिए मिलकर काम करती हैं. इससे आज एक मिलियन से अधिक महिलाएं जुड़ी हुई हैं.

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Last Updated : Dec 29, 2023, 7:56 PM IST

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