पटना:जब से बिहार केमुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाई है, तब से वह लगातार विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं. इसी के साथ उनकी पीएम उम्मीदवारी और लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर भी चर्चा तेज है. माना जा रहा है कि वह उत्तर प्रदेश की फूलपुर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. ऐसे में जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया तो उन्होंने अपने खास अंदाज में जवाब दिया और अपनी इच्छा भी जाहिर कर दी.
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क्या आप फूलपुर से चुनाव लड़ेंगे?: पटना में एक कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान पत्रकारों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा कि क्या आप फूलपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे? इस सवाल पर सीएम ने कहा कि हमारी एक ही इच्छा है कि विपक्ष एकजुट हों. इसी कोशिश में लगातार लगे हुए हैं. केंद्र की सरकार देश के इतिहास को बदलना चाहती है, ऐसे में मेरी तो यही इच्छा है कि जैसा हमारा इतिहास रहा है, वह वैसा ही रहे.
"हमारी तो एक ही इच्छा है कि विपक्ष एकजुट हों. हमलोगों ने विपक्ष के बहुत सारे दलों को एकजुट करने का प्रयास किया है, जिसका नतीजा आप सब देख रहे हैं. ये बात जान लीजिए कि जब चुनाव आएगा तो उस समय और भी लोग साथ आएंगे. अभी तो बहुत से लोग उनके (बीजेपी) डर से भी अलग रहते हैं. हमारी तो बस एक इच्छा है कि देश का जो इतिहास वह वैसे ही रहे, क्योंकि केंद्र सरकार इतिहास बदलना चाहती है"-नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
क्यों है फूलपुर सीट को लेकर चर्चा?:दरअसल, यूपी की फूलपुर, फतेहपुर. प्रतापगढ़ और अंबेडकर नगर के साथ-साथ बिहार के नालंदा सीट से नीतीश कुमार के लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा है. पिछले दिनों उत्तर प्रदेश जेडीयू इकाई की ओर से एक प्रस्ताव भी राष्ट्रीय नेतृत्व के पास भेजा गया था, जिसमें कहा गया था कि कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आम जनता भी चाहती है कि मुख्यमंत्री उनके क्षेत्र से चुनाव लड़ें.
नीतीश के पक्ष में फूलपुर का समीकरण:फूलपुर सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा होने के पीछे सामाजिक समीकरण का नीतीश कुमार के पक्ष में होना है. फूलपुर कुर्मी बहुल लोकसभा सीट है. वहां करीब 19.75 लाख मतदाता हैं, जिनमें चार लाख से अधिक वोटर कुर्मी (पटेल) हैं. नीतीश कुमार खुद कुर्मी जाति से आते हैं, ऐसे में अगर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस भी उनको फूलपुर में समर्थन कर देगी तो जीत मुमकिन हो सकती है.