पटना/नई दिल्ली:लोकसभा चुनाव 2024से पहले विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की कोशिशें जारी है. लगातार अलग-अलग राज्यों का दौरा करने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज एक बार फिर से दिल्ली में विपक्षी दलों के नेताओं से मिल रहे हैं. आज उन्होंने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से उनके आवास पर भेंट की. इस दौरान नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) अध्यादेश 2023 को गैर-जरूरी बताते हुए कहा कि वे लोग इस मामले में केजरीवाल के साथ हैं. नीतीश ने कहा कि बीजेपी के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा विपक्षी दलों को एक साथ मिल कर अभियान चलाना होगा.
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"सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही रहा लेकिन इसके बावजूद केंद्र सरकार द्वारा जो करने की कोशिश हो रही है, वह विचित्र है. सभी को एकजुट होना होगा. हम इनके (केजरीवाल) साथ हैं, ज्यादा से ज्यादा विपक्षी पार्टी एक साथ मिल कर अभियान चलाना होगा. हम पूरे तौर पर केजरीवाल जी के साथ हैं"- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
"जो परेशानी अरविंद केजरीवाल झेल रहे हैं, हम उसके खिलाफ केजरीवाल जी को समर्थन देने आए हैं. अगर दिल्ली में भाजपा की सरकार होती तो उप राज्यपाल में हिम्मत होती इस प्रकार का काम करने की? दिल्ली में भाजपा कभी वापसी नहीं करेगी"-तेजस्वी यादव, उप मुख्यमंत्री, बिहार
क्या बोला अरविंद केजरीवाल ने?:वहीं, अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मंगलवार को वह बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे. उसके बाद तमाम दलों के अध्यक्ष से मिलेंगे. केंद्र द्वारा दिल्ली में NCCSA बनाने के लिए लाए गए अध्यादेश पर हम सभी दलों से समर्थन की अपील करेंगे.
"परसो 3 बजे मेरी ममता जी (बंगाल की मुख्यमंत्री) के साथ बैठक है. उसके बाद मैं देश में सभी पार्टी अध्यक्ष से मिलने के लिए जाऊंगा. आज मैंने नीतीश जी से भी अनुरोध किया कि वो भी सभी पार्टियों से बात करें. मैं भी हर राज्य में जाकर, राज्यसभा में जब ये बिल आए, तब इसे हराने के लिए मैं सभी से समर्थन के लिए बात करूंगा"- अरविंद केजरीवाल, सीएम, दिल्ली
नीतीश कुमार ने अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की
बेंगलुरु में एक मंच पर दिखी विपक्षी एकता: शनिवार को कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार गठन के बहाने विपक्षी एकता को एक मंच पर दिखाने की कोशिश की गई. सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, हेमंत सोरेन, फारुख अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, स्टालिन, सीताराम येचुरी, डी. राजा, शरद पवार, टीएमसी और शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के नेता मंच पर मौजूद रहे. हालांकि सीधे तौर पर ममता बनर्जी और अखिलेश यादव ने इससे दूरी बनाई. वहीं, अरविंद केजरीवाल, के चंद्रशेखर राव, मायावती और नवीन पटनायक पटनायक को निमंत्रण नहीं दिया गया था.
कई विपक्षी दलों के नेताओं से नीतीश की मुलाकात:दरअसल, जब से नीतीश कुमार ने एनडीए से अलग होकर महागठबंधन की सरकार बनाई है, तब से वह लगातार बीजेपी के खिलाफ मजबूत मोर्चा बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इसी क्रम में उन्होंने दिल्ली, कोलकाता, लखनऊ, भुवनेश्वर, मुंबई और रांची का दौरा भी किया था. जहां उन्होंने मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, सीताराम येचुरी, डी. राजा, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, नवीन पटनायक, उद्धव ठाकरे, शरद पवार और हेमंत सोरेन से मुलाकात की. पटनायक के अलावे सभी नेताओं से उनकी मुलाकात सकारात्मक रही है.