दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

क्या बिहार के सीएम नीतीश कुमार की सम्मानजनक विदाई की चल रही तैयारी ?

क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) की सम्मानजनक विदाई की तैयारी की जा रही है? क्या राज्यसभा के माध्यम से उन्हें केंद्र में लाया जा सकता है? हिंदी भाषी क्षेत्रों में बिहार एक ऐसा राज्य है जहां पर कई बार सरकार बनाने के बाद भी भाजपा अभी तक अपना सीएम नहीं बना पाई है. वहीं जिस तरह से अंदर खाने बीजेपी के नेताओं की मांग बढ़ रही है इससे ऐसा लगता है कि कहीं ना कहीं पर्दे के पीछे की सियासत में बिहार की राजनीति को लेकर बीजेपी के केंद्रीय नेताओं के बीच बड़ा मंथन चल रहा है. पढ़िए ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट...

Bihar CM Nitish Kumar
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

By

Published : Apr 2, 2022, 6:06 PM IST

नई दिल्ली :क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) की सम्मानजनक विदाई की तैयारी की जा रही है? क्या राज्यसभा के माध्यम से उन्हें केंद्र में लाया जा सकता है? यह तमाम सवाल सियासत में तब से उठ रहे हैं जब कुछ दिन पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में यह कहा था कि वह विधानसभा और लोकसभा सभी सदन के सदस्य रह चुके हैं मगर राज्यसभा कभी नहीं गए और उनकी इच्छा है कि वह एक बार राज्यसभा भी जाएं. हालांकि जब इस खबर पर सियासत गर्म हुई तो दूसरे ही दिन उन्होंने यह भी कहा कि उनकी निजी इच्छा ऐसी कुछ नहीं है राज्यसभा में जाने की, लेकिन पत्रकारों से बातचीत में भविष्य की राजनीति को लेकर असमंजसता की स्थिति जरुर बताई थी.

हालांकि जेडीयू के नेता इस बात का लगातार खंडन कर रहे हैं मगर गठबंधन की पार्टी बीजेपी के विधायक और नेता अब मुखर होकर यह कह रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी सरकार में सबसे बड़ी पार्टी है, लिहाजा बिहार में मुख्यमंत्री भी उन्हीं का होना चाहिए. यदि देखा जाए तो हिंदी भाषी क्षेत्रों में बिहार एक ऐसा राज्य है जहां पर कई बार सरकार बनाने के बावजूद भी भारतीय जनता पार्टी अभी तक अपना सीएम नहीं बना पाई है. वहीं जिस तरह से अंदर खाने बीजेपी के नेताओं की मांग बढ़ रही है उसे देखकर ऐसा लगता है कि कहीं ना कहीं पर्दे के पीछे की सियासत में बिहार की राजनीति को लेकर बीजेपी के केंद्रीय नेताओं के बीच बड़ा मंथन चल रहा है.

नाम नहीं बताने की शर्त पर बिहार से जुड़े एक मंत्री ने बताया कि 'गठबंधन की सरकार में जो पार्टी ज्यादा सीटें लेकर आती है हमेशा से मुख्यमंत्री उसी पार्टी का होता है. लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा से नीतीश कुमार के नाम को आगे किया,क्योंकि चुनाव से पहले ही प्रधानमंत्री ने नीतीश कुमार को ही मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर प्रोजेक्ट किया था. इसीलिए भारतीय जनता पार्टी ने अपना वादा निभाते हुए बिहार में जीत के बाद नीतीश कुमार को ही मुख्यमंत्री बनाया. लेकिन वहां हालात यह है कि अफसरशाही हावी है और सबसे बड़ी पार्टी का दर्जा पाने वाली बीजेपी के विधायकों और नेताओं की सुनी नहीं जाती, इसलिए अब राज्य के विधायक आलाकमान से यह मांग उठा रहे हैं कि मुख्यमंत्री अब उनका बनना चाहिए जिस पर पार्टी में मंथन चल रहा है.

ये भी पढ़ें - BJP के लिए रास्ता साफ! तो क्या सीएम की कुर्सी छोड़ राज्यसभा जाएंगे सुशासन बाबू?

हालांकि इस पर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो रही, लेकिन अंदर खाने खबरें यह भी निकल कर आ रही हैं कि अगस्त में होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार के तौर पर नीतीश कुमार को राज्यसभा की सदस्यता दिला कर केंद्र में सम्मानजनक तौर पर लाया जा सकता है. यही नहीं पार्टी के सूत्रों के मुताबिक यह भी चर्चा है कि नीतीश कुमार राज्यसभा के सदस्य बनने के बाद यदि इच्छा जताते हैं तो शायद उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी शामिल किया जा सकता है.

बिहार पर बीजेपी के 77 विधायक हैं जबकि जेडीयू के 45, यही वजह है कि बीजेपी के विधायक गाहे-बगाहे पार्टी के मुख्यमंत्री होने की मांग भी उठाते रहे हैं. फिलहाल बीजेपी के उपमुख्यमंत्री हैं और जेडीयू के मुख्यमंत्री और मांग अब यह उठ रही है कि बीजेपी के मुख्यमंत्री बनाए जाएं और जेडीयू के उपमुख्यमंत्री.

बहरहाल नीतीश कुमार के राजनीतिक करियर को लेकर उठ रहे यह सवाल जिनमें से कुछ खुद नीतीश कुमार की तरफ से उठाए गए हैं और कुछ बातों को अंदर खाने बीजेपी के नेता भी हवा दे रहे हैं. लेकिन इतना तो तय है कि राजनीति में जब भी कोई बात उठती है तो कहीं ना कहीं अंदर खाने कुछ चल रहा होता है जिसका पटाक्षेप तो नहीं मगर कुछ दिनों बाद जरूर दिखाई पड़ता है और यह एक ऐसी ही शुरुआत लग रही है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details