पटना:बीजेपी से बगावत करने वाले वीआईपी चीफ मुकेश सहनी (VIP Chief Mukesh Sahni) की नीतीश मंत्रिमंडल से छुट्टी होने जा रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने राज्यपाल फागू चौहान से उनको बर्खास्त करने की अनुशंसा की है. इसके साथ ही तय हो गया है कि अब वे बतौर पशुपालन मंत्री नीतीश कैबिनेट का हिस्सा नहीं रहेंगे. हालांकि इसकी चर्चा तब से ही शुरू हो गई थी, जब वीआईपी के तीनों विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बावजूद सहनी ने कहा था कि वे मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे. सीएम अगर चाहें तो उनको बर्खास्त कर सकते हैं.
सीएम पर बीजेपी का दबाव:बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और अन्य नेता लगातार मुकेश सहनी पर मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने का दबाव बनाए हुए थे. जायसवाल ने कहा था कि सहनी के कार्यकाल में बिहार के मछुआरों का सर्वाधिक अहित हुआ, वे मंत्रिमंडल में अपने सहयोगियों के पत्रों का जवाब तक नहीं देते थे. उन्होंने सहनी के खिलाफ कार्रवाई की भी बात कही थी. बीजेपी नेताओं ने बतौर मंत्री सहनी के कार्यकाल की जांच कराने की मांग तक उठाई थी. माना जा रहा था कि बीजेपी की ओर से सीएम नीतीश कुमार पर सहनी को मंत्रिमंडल से हटाने का भारी दबाव था. जिस वजह से उन्होंने राज्यपाल को अपनी अनुशंसा भेज दी.
मुकेश सहनी का विधायकों ने छोड़ा साथ: पिछले दिनों वीआईपी के तीनों विधायक राजू सिंह, सुवर्णा सिंह और मिश्री लाल यादव पार्टी का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं. विधायकों ने मुकेश सहनी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा था कि वह पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह चलाते हैं. वहीं बीजेपी ने इसे घर वापसी बताया था, क्योंकि इन तीनों विधायकों का बैकग्राउंड भारतीय जनता पार्टी से ही जुड़ा था. 2020 के विधानसभा चुनाव में एक रणनीति के तहत वीआईपी के सिंबल पर इन्हें मैदान में उतारा गया था.