पटना : दिल्ली के लक्ष्मीनगर से गिरफ्तार पाकिस्तानी आतंकी अशरफ (Pakistani Terrorist Ashraf) का बिहार से कनेक्शन सामने आने के बाद आगे की पूछताछ के लिए बिहार एटीएस (Bihar ATS Team) की टीम दिल्ली पहुंची है. बताया जा रहा है कि मोहम्मद अशरफ ने बिहार के किशनगंज जिले से अपना पहचानपत्र बनवाया था. आतंकी मोहम्मद अशरफ के पास से दिल्ली पुलिस ने एके-47, मैगजीन, साउंड गोली, एक ग्रेनेड और 50 गोलियां बरामद की थी. इसके साथ ही दिल्ली और जम्मू-कश्मीर समेत देश के कई हिस्सों में हुई आतंकी घटनाओं में इसकी संलिप्तता सामने आई है.
दिल्ली स्पेशल ब्रांच के माध्यम से गिरफ्तार किए गए पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद अशरफ के पास से कई फर्जी दस्तावेज और आईडी बरामद किए गए थे. जिनमें से एक आईडी बिहार के होने की बात सामने आई है. अशरफ ने जो आईडी बनवाया था, वह किशनगंज का था. उसी के आधार पर कई और दस्तावेज दिल्ली स्पेशल ब्रांच ने हासिल किए हैं.
गौरतलब है कि मोहम्मद अशरफ पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का रहने वाला बताया जा रहा है. वह नेपाल के रास्ते भारत आया था और करीब 15 वर्षों से यहीं रह रहा था. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की हैंडलिंग कर रहा था. जाली दस्तावेज की मदद से उसने भारत में अपना पहचान पत्र बना लिया. मोहम्मद अशरफ दिल्ली में अपना नाम बदलकर कई वर्षों से स्लीपर सेल का काम कर रहा था.
बता दें कि वह 2005 में बांग्लादेश के रास्ते किशनगंज आया था. यहां आने पर कोई स्थानीय संपर्क नहीं मिलने पर अशरफ अजमेर गया और वहां रेहड़ी पर काम करने लगा. जहां उसने किशनगंज के एक युवक से दोस्ती कर ली और उसके साथ किशनगंज आ गया. जहां एक सरपंच की मदद से पहचान पत्र बनवाया. बड़ी चालाकी से आईएसआई को सूचना भेजने के लिए वह ई-मेल का प्रयोग करता था.
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सूत्रों का कहना है कि वह सेना की गतिविधियों की रेकी कर सूचना आईएसआई को देता था. इकट्ठी की गयी जानकारी को भेजने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल करता था. हैंडलर्स को जानकारी भेजने के लिए वह अपने जीमेल के ड्राफ्ट में मेल सेव कर देता था. वहीं, दूसरी तरफ जीमेल के ड्राफ्ट से वह जानकारी आईएसआई का एजेंट नासिर देखता था. पूछताछ में उसने जम्मू कश्मीर में हुई आतंक की 10 से 12 घटनाओं की रेकी करने की बात कबूल की है. जांच एजेंसियां पुलवामा हमले में अशरफ की भूमिका की भी जांच कर रही है.
गौरतलब है कि किशनगंज जिला मुख्यालय से बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा की दूरी मात्र 21 किलोमीटर है. यहां से महज आधे घंटे में बांग्लादेश की सरहद पर आसानी से पहुंचा जा सकता है. सरहद के उस पार बांग्लादेश का ठाकुरगांव और दिनाजपुर शहर सटा हुआ है. घुसपैठिए रात के अंधेरे में तारबेड़ा को पार कर भारत में घुसपैठ करते हैं. बीएसएफ की 24 घंटे की कड़ी निगरानी के बावजूद बांग्लादेशी घुसपैठी चोरी छिपे पश्चिम बंगाल से होकर किशनगंज में घुस जाते हैं.
इसके बाद किशनगंज में आसानी से नकली परिचय पत्र बनाकर रहते हैं और देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देते हैं. किशनगंज जिला को बांग्लादेशी घुसपैठ सबसे सुरक्षित शरण स्थल मानते हैं. यहां पर शरण लेते ही कुछ दिनों के अंदर तथाकथित दलालों को मोटी रकम देकर प्रमाण पत्र भी बनवा लेते हैं. फर्जी प्रमाण पत्र किशनगंज में बनता है, इसकी पुष्टि इस बात से की जा सकती है कि कुछ माह पहले एसडीएम ने एक कंप्यूटर दुकान में छापेमारी कर नकली प्रमाण पत्र के साथ कई लोगों को गिरफ्तार किया था.
आतंकी अशरफ के तार बिहार से जुड़ने के बाद पुलिस सतर्क हो गई है. बिहार पुलिस ने जांच में दिल्ली पुलिस को हरसंभव सहयोग देने के लिए कदम उठाया है. पुलिस मुख्यालय ने जांच में मदद के लिए एटीएस को दिल्ली पुलिस से संपर्क में रहने का निर्देश दिया है. हालांकि, इस मामले में किशनगंज पुलिस के वरीय अधिकारी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं.