पटना : बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का इस बार अभी से ही हंगामेदार होने के असार जताए जा रहे हैं. क्योंकि विपक्ष ने अभी से सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है. विपक्ष का आरोप है कि जानबूझकर सदन की कार्यवाही इस प्रकार से रखी गई है कि कोई भी सदस्य कानून व्यवस्था यानी गृह विभाग के अलावा मुख्यमंत्री के दूसरे विभाग से संबंधित प्रश्न नहीं पूछ पाएंगे. क्योंकि सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू हो रही है और सोमवार का दिन ही इन प्रश्नों के लिए होता है.
पांच दिनों तक चलेगा शीतालीन सत्र : शीतकालीन सत्र को लेकर हालांकि जदयू नेताओं का साफ कहना है कि सरकार पूरी तरह से तैयार है. सदस्य किसी भी तरह के प्रश्न पूछे, सरकार जवाब देगी. बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 6 नवंबर से शुरू हो रहा है. पहले दिन ऐसे तो प्रश्न काल नहीं होगा, लेकिन 2023- 24 का दूसरा अनुपूरक बजट सदन में पेश किया जाएगा और शोक प्रस्ताव भी रखा जाएगा. इसके अलावा यदि बिहार सरकार की ओर से जातीय गणना की रिपोर्ट पेश की जाती है तो उसे भी सदन पटल पर रखा जायेगा.
सोमवार को सत्र का पहला दिन : सोमवार को ही गृह विभाग, सामान्य प्रशासन, विभाग सहित मुख्यमंत्री के विभागों के प्रश्नों का उत्तर होता है, लेकिन इस बार सोमवार को प्रश्नकाल होगा ही नहीं. ऐसे में सदस्य मुख्यमंत्री के इन विभागों का प्रश्न नहीं पूछ पाएंगे और इसी को लेकर नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा सरकार पर निशाना साध रहे हैं. वहीं विधान परिषद में जदयू के मुख्य सचेतक और नीतीश कुमार के नजदीकी संजय गांधी का कहना है कि"विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है. इसलिए कुछ भी आरोप लगाते रहते हैं. सवाल सदस्यों को पूछना है किसी विभाग का पूछे सरकार जवाब देगी".
फिर एक बार विधायिका को कमजोर करने का प्रयास किया गया है. आमामी सत्र में एक बार फिर से मुख्यमंत्री के पास जो भी विभाग हैं, उस पर प्रश्न नहीं पूछा जा सकेगा. राज्य में बढ़ रहे अपराध पर एक बार फिर से कोई प्रश्न नहीं पूछे जा सकेंगे. क्योंकि यह गृह विभाग के अंदर आते हैं.-विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष