पटना: बिहार की राजधानी पटना को आंगनबाड़ी सहायिकाओं ने घेर लिया. बिहार विधानसभा की कार्यवाहीके बीच प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने पटना की सड़कों पर हल्ला बोल प्रदर्शन किया. उनकी संख्या देखकर पुलिस भी भौचक्की रह गई. आर ब्लॉक, डाक बंगला चौराहा, गोलंबर हर जगह पुलिस की टीम ने बैरिकेड लगा रखा था. उन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विधानसभा की ओर बढ़ रहीं थीं. उनकी मांग है कि उनके मानदेय में वृद्धि की जाय.
''हम लोग डेढ़ महीने से हड़ताल पर हैं, लेकिन बिहार सरकार हमारी एक नहीं सुन रही है. पुलिस ने आज हम लोगों पर लाठीचार्ज किया. आंसू गैस के छोड़े. वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. हमारी मांगों को सुनने के बजाय हम पर लाठीचार्ज किया जा रहा है. ये कैसी सरकार है?''- प्रदर्शनकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
आंगनबाड़ी सेविकाओं ने सरकार को चेताया : आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया कि ''ये सरकार के गुंडे हैं. सरकार के कहे अनुसार हम लोगों पर लाठियां बरसा रहे हैं. महिला पुलिस धक्का-मुक्की कर रही है.'' प्रदर्शनकारी महिलाओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर बिहार सरकार ने उनकी मांगों को नहीं पूरा किया तो वो नीतीश सरकार को गद्दी से उखाड़ फेंकेंगे.
क्या है मांग?: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की डिमांड है कि सरकार उनको राज्य कर्मी का दर्जा दे. 24 घंटे ड्यूटी करके भी उनको मात्र 1450 रुपए और 5900 रुपए मानदेय दिया जाता है. उनके मानदेय को बढ़ाकर 25 हजार रुपए तक किया जाए. मांगें पूरी नहीं होने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सरकार को आगामी चुनाव में सबक सिखाने की धमकी दी है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार जो मानदेय देती है उसमें गुजर-बसर कर पाना मुश्किल है.