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Anand Mohan Release: आनंद मोहन समेत 27 बंदी होंगे रिहा, कौन हैं वो 26 खुशनसीब.. देखें लिस्ट

आनंद मोहन किसी भी वक्त जेल से रिहा हो सकते हैं. कानूनी प्रक्रिया चल रही है. उनके साथ 26 ऐसे भी लोग हैं जो रिहा हो रहे हैं. कौन हैं वो खुशनसीब जिन्हें इस लम्हे का इंतजार लंबे समय से था. पढ़ें पूरी खबर-

Anand Mohan Release
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Published : Apr 25, 2023, 11:38 AM IST

Updated : Apr 25, 2023, 11:53 AM IST

पटना: बिहार सरकार ने बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ कर दिया है. लेकिन उनके साथ 26 अन्य आरोपी भी जेल से रिहा हो रहे हैं. ये 26 लोग भी लंबे समय से इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. कानून विभाग ने सभी प्रक्रिया पूरी कर ली है. ऐसे में आनंद मोहन समेत सभी 26 बंदी किसी भी वक्त जेल से रिहा हो सकते हैं. बता दें कि आनंद मोहन पहले से ही पेरोल पर बाहर है.

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कलेक्टर की हत्या के केस में बंद हैं आनंद मोहन: बाहुबली आनंद मोहन एक राजनीतिज्ञ भी रह चुके हैं. संसद और बिहार विधानसभा में सदन के सदस्य भी रह चुके हैं. आनंद मोहन पर गोपालगंज के तत्कालीन कलेक्टर की हत्या के मामले में जेल की सजा काट रहे हैं. उनके सजा की अवधि खत्म भी हो चुकी है. लेकिन एक कानूनी अड़चन की वजह से आनंद मोहन जेल से रिहा नहीं हो पा रहे थे. बिहार सरकार ने उस अड़चन को हटा दिया जिसके बाद रिहाई का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया. आनंद मोहन अब किसी भी वक्त जेल से बाहर आ सकते हैं.

27 कैदियों को छोड़े जाने का रास्ता साफ: दरअसल, 20 अप्रैल को बिहार गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 20 अप्रैल को हुई राज्य दंडादेश परिहार पर्षद की बैठक हुई थी. इसी मीटिंग में आनंद मोहन समेत 27 कैदियों को छोड़े जाने संबंधित प्रस्ताव को हरी झंडी मिली थी. डिपार्टमेंट की ओर से सभी कानूनी पहलू पर विचार मिमर्श के बाद रिहाई का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. नोटिफिकेश जारी होते ही विधि सचिव रमेश चंद्र मालवीय की ओर से एक निर्देश जारी किया गया है. इस आदेश सभी जेल निदेशालयों के पास पहुंचेगा जिसमें 27 कैदियों को छोड़े जाने सबंधित विवरण होंगे. जो लिस्ट विभाग की ओर से जेल निदेशालय ने दी है उसमें आनंद मोहन का नाम 11 नंबर पर आता है.

सहरसा जेल में बंद हैं आनंद: आनंद मोहन सहरसा मंडल कारा में बंद हैं. इस आदेश के निर्गत होने के बाद उनके रिहाई की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. साथ ही अन्य कैदियों के बाहर आने का भी रास्ता साफ हो चुका है. इसमें 15 से ज्यादा कैदियों पर लोक सेवकों की हत्या के दोषी पाए गए और सजा काट रहे हैं. जबकि कुछ कैदी ऐसे भी जिनकी रिहाई का आदेश होने के बावजूद भी वो बाहर इसी अड़चन की वजह से नहीं निकल पाए.

26 रिहा हो रहे कैदियों के नाम: जिन कैदियों को रिहा किया जाएगा उनके नाम हैं, कलक्टर पासवान जो कि आरा मंडल कारा में बंद हैं. किशुनदेव राय बक्सर के मुक्त कारागार में सजा काट रहा है. सुरेंद्र शर्मा, देवनंदन नोनिया और रामप्रवेश सिंह गया के केंद्रीय कारा में बंद हैं. विजय ऊर्फ मुन्ना सिंह केंद्रीय कारा मुजफ्फरपुर में सजा काट रहे हैं. रामाधारा राम बक्सर के मुक्त कारागार में बंद हैं. दस्तगीर खाना अररिया के मंडल कारागार में हैं. पप्पू सिंह केंद्रीय कारा मोतिहारी और अशोक यादव मंडल कारा लखीसराय में बंद हैं.

शिवजी यादव बेऊर जेल में बंद हैं. किरथ यादव भागलपुर की विशेष केंद्रीय कारा में सजा काट रहे हैं. राजबल्लभ यादव ऊर्फ बिजली यादव भी बक्सर मुक्त कारागार में ही बंद चल रहे हैं. अलाउद्दीन अंसारी, मो. हलीम अंसारी, मो खुदबुद्दीन भागलपुर जेल से रिहा होने जा रहे हैं. सिकंदर महतो कटिहार के मंडल कारा में सजा काट रहे हैं, अवधेश मंडल विशेष केंद्रीय कारा भागलपुर, पतिराम राय मुक्त कारागार बक्सर, हृदय नारायण शर्मा गया केंद्रीय कारा, पंचा पासवान भागलुपर केंद्रीय कारा तो चंदेश्वरी यादव भागलपुर के केंद्रीय कारा में बंद हैं. खेलावन यादव बिहारशरीफ के मंडल कारा में बंद.

Last Updated : Apr 25, 2023, 11:53 AM IST

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