रायपुर: छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले का खुलासा हुआ है. ईडी ने शनिवार को रायपुर महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर को अरेस्ट किया. रविवार सात मई को ईडी ने प्रेस नोट जारी कर महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर की गिरफ्तारी की पुष्टि की है. इसके साथ ही ईडी ने शराब घोटाले को लेकर बड़ा बयान जारी किया है. ईडी के मुताबिक "छत्तीसगढ़ में शराब की बिक्री में अभूतपूर्व भ्रष्टाचार हुआ है. हर बोतल की बिक्री से अवैध कमाई की गई है. इसके पक्के सबूत ईडी को मिले हैं. करीब 2000 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के सबूत है. जो मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम यानि की पीएमएलए के तहत आते हैं.
होटल से भागते वक्त हुई अनवर ढेबर की गिरफ्तारी: ईडी के अधिकारियों के मुताबिक "प्रवर्तन निदेशालय ने रायपुर महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर को शनिवार को उस वक्त गिरफ्तार किया. जब वह होटल के पिछले दरवाजे से भागने की कोशिश कर रहा था. अनवर ढेबर सात बार तलब किए जाने के बावजूद मामले की जांच में शामिल नहीं हुआ. वह लगातार बेनामी सिम कार्ड और इंटरनेट डोंगल का उपयोग कर रहा था. इसके अलावा वह स्थान बदल रहा था.जब ईडी ने उन्हें रायपुर के होटल में रोका. तब वह समन स्वीकार करने के बजाय पिछले दरवाजे से भागने की कोशिश करने लगा. फिर उनकी गिरफ्तरी की गई. अरेस्ट करने के बाद विशेष पीएमएलए अदालत ने अनवर ढेबर को चार दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है."
ईडी ने अनवर ढेबर पर लगाए गंभीर आरोप: ईडी ने अनवर ढेबर पर गंभीर आरोप लगाए हैं. ईडी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि" छत्तीसगढ़ में अनवर ढेबर के नेतृत्व में एक संगठित सिंडिकेट काम कर रहा है. जो उच्च-स्तरीय राजनीतिक अधिकारियों और वरिष्ठ नौकरशाहों की अवैध कार्य को पूरा करने का काम करता है. अधिकारियों के साथ मिलकर अनवर ढेबर ने साजिश रची और घोटाले को अंजाम देने के लिए व्यक्तियों और संस्थाओं का एक व्यापक नेटवर्क तैयार किया. ताकि, इसके तहत छत्तीसगढ़ में बेची जाने वाली शराब की हर बोतल से अवैध रूप से कमाई की जा सके. मार्च 2023 में अनर ढेबर के ठिकानों पर छापे मारे गए थे. इसके अलावा पश्चिम बंगाल, दिल्ली में 35 स्थानों पर छापे मारे गए थे. जिसमें छत्तीसगढ़ के अंदर 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले का खुलासा हुआ. इसमें भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत जुटाए गए थे." ईडी ने इस मामले में ट्वीट कर भी जानकारी दी है.
आईएएस अनिल टुटेजा का भी नाम आया सामने: ईडी की तरफ से जारी बयान में आईएएस अनिल टुटेजा पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं. ईडी ने दावा किया है" कि इस पूरे शराब घोटाले और अवैध कमाई में अनवर ढेबर जिम्मेदार है. यह स्थापित हो गया है कि अनवर ढेबर ने शराब की बिक्री से मिले राशि में एक प्रतिशत कटौती के बाद, उन्होंने शेष राशि अपने राजनीतिक आकाओं को दे दी थी. मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला 2022 के आयकर विभाग के चार्जशीट से उपजा है. जो राज्य के आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और अन्य के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में दायर किया गया था."