पटना : जदयू में हुए बड़े बदलाव के बाद बिहार की सियासत में हलचल शुरू है. साल के अंतिम दिन बिहार विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को लालू यादव ने अपने आवास पर बुलाया. दोनों के बीच लंबी बातचीत हुई है. इसके कारण कई तरह के कयास लगने लगे हैं. बीजेपी भी कह रही है कि किसी भी समय लालू यादव सीएम नीतीश कुमार को हटाकर तेजस्वी को सीएम बना देंगे. ऐसे में जदयू में बड़ी टूट होगी.
बिहार में पार्टियों की स्थिति : जदयू और राजद के बीच दूरियां बढ़ रही हैं. ऐसे में बिहार विधानसभा में जो संख्या बल है, उसके आधार पर पार्टी के नेता, राजनीति के जानकार गुणा भाग करने और समीकरण बैठाने में लगे हैं. बिहार विधानसभा में फिलहाल आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है. जनता दल के पास 79 विधायक हैं. दूसरे नंबर पर बीजेपी (78 विधायक) है. तीसरे नंबर पर जदयू (45 विधायक) है. कांग्रेस के पास 19, वाम दलों के पास 16 और जीतन राम मांझी की पार्टी के पास चार विधायक हैं. AIMIM के पास अब एक विधायक बचा है, तो वहीं एक निर्दलीय भी है.
तेजस्वी को सीएम बनाना चाहते हैं लालू : यह किसी से छिपा नहीं है कि लालू प्रसाद यादव तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. लेकिन नीतीश कुमार 2025 तक कुर्सी छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. पिछले दिनों ललन सिंह कंट्रोवर्सी के कारण सियासी हलचल मचने लगी थी. ऐसे में नीतीश कुमार ने जदयू की कमान फिर से संभाल ली है. लेकिन उसके बाद भी कई तरह के कयास लग रहे हैं.
राजनीतिक विशेषज्ञ रवि उपाध्यायका कहना है कि ''बिहार में पहले भी नीतीश कुमार कभी बीजेपी के साथ, कभी राजद के साथ सरकार बनाते रहे हैं. जिस प्रकार से स्थितियां बदल रही हैं, उसके कारण ही कयास लग रहे हैं. लेकिन, सब कुछ समीकरण और बहुमत के आंकड़े के गणित पर ही निर्भर है. क्योंकि 6-7 सीटों का ही खेल है. अभी तक किसी दल को एक मुश्त 122 सीट नहीं मिली है. जो भी गठबंधन जोड़-तोड़ में सफल रहेगा, सरकार बनाने में वही आगे भी सफल रहेगा.''
महागठबंधन में ऑल इज वेल ?: जदयू और राजद के नेता भले ही कर रहे हैं कि सब कुछ ठीक-ठाक है. लेकिन बीजेपी के दिल्ली से लेकर बिहार तक वरिष्ठ नेता लगातार कह रहे हैं कि नीतीश कुमार बहुत दिनों तक मुख्यमंत्री नहीं रहने वाले हैं. बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह का कहना है कि जदयू में बड़ी टूट होगी.
क्या कहता है सीटों का गणित? : जो चर्चा है उसमें लालू प्रसाद यादव की नजर जदयू के विधायकों पर लगी है. नीतीश कुमार जब 2020 में मुख्यमंत्री बने थे तो, उस समय भी लालू प्रसाद यादव ने बीजेपी के कुछ विधायकों से बात की थी. जिस पर काफी हंगामा मचा था. बिहार में अभी वर्तमान सरकार को 160 विधायकों का समर्थन है. यदि जदयू सरकार से बाहर निकल जाती है तो यह संख्या घटकर 115 हो जाएगी.