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मध्य प्रदेश में विदेश से आए 465 यात्री लापता! प्रशासन की लापरवाही कहीं पड़ न जाए भारी - airport corona testing mp

एक लापरवाही कोरोना की तीसरी लहर ला सकती है. हवाई यात्रा के जरिए मध्य प्रदेश में पिछले सात दिनों में 695 यात्री आए हैं. लेकिन सिर्फ 230 यात्रियों की जानकारी ही विभाग को है. (big danger of corona in mp) बाकी 465 यात्री कहां हैं, कहां गए, इसकी जानकारी किसी को नहीं है. अगर इनमें से कोई कोरोना मरीज हुआ (465 air passengers missing mp) तो ये चूक महंगी साबित हो सकती है.

big danger of corona in mp
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Published : Dec 12, 2021, 9:45 PM IST

भोपाल : राज्य में लगातार कोविड मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. पिछले 7 दिनों में अन्य देशों से आए 695 यात्रियों में से 230 यात्रियों की ही स्वास्थ्य विभाग जानकारी जुटा पाया है. (465 air passengers missing mp) बाकी की खोज की जा रही है. (big danger of corona in mp) ऐसे में स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.

695 में से सिर्फ 230 का पता, बाकी कहां ?

दुनियाभर में कोविड के नए वेरिएंट से लोग डरे हुए हैं. इससे भारत भी अछूता नहीं है. देश में बाहर से आने वाले यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इंटरनेशनल फ्लाइट्स के आने से पॉजिटिव मरीजों की संख्या में इजाफा भी नजर आ रहा है. भोपाल में पिछले 7 दिनों में 695 से अधिक यात्री हवाई यात्रा के माध्यम से भोपाल पहुंचे हैं. यह वह यात्री हैं जो अन्य देशों से दिल्ली और मुंबई होते (corona current cases mp ) हुए भोपाल हवाई अड्डे पर उतरे हैं. इनमें से 230 यात्रियों की जानकारी तो स्वास्थ्य विभाग ने जुटा ली है. लेकिन बाकी यात्री कहां हैं और कहां रुके हैं, इसका पता नहीं है. इन 695 यात्रियों में से 2 यात्री पॉजिटिव पाए गए थे. जिन्हें राजधानी के काटजू अस्पताल में भर्ती किया गया है. फिलहाल उनकी जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट अभी नहीं आई है, ऐसे में स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप की स्थिति है.

ये लापरवाही जानलेवा है

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस बात को छिपाने में लगे हैं कि आखिर चूक कहां हुई है. पिछले 7 दिनों में भोपाल के एयरपोर्ट पर जो यात्री आए हैं. उनमें से मात्र 230 यात्रियों की है टेस्टिंग हो पाई है. बाकी की टेस्टिंग क्यों नहीं हुई और वह कहां हैं. यह बड़ा सवाल है. (omicron variant mp cases )इस बारे में एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है. भोपाल सीएमएचओ प्रभाकर तिवारी का कहना है कि जो यात्री नहीं मिल पा रहे हैं या जिनकी ट्रेसिंग नहीं हो पाई है. उनको एड्रेस के हिसाब से खोजा जा रहा है.

695 यात्रियों में से 2 पॉजिटिव- CMHO प्रभाकर तिवारी

695 यात्रियों में से 2 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. जिन्हें भोपाल के काटजू अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इसमें 40 वर्षीय व्यक्ति को भर्ती किया गया है. वो 30 नवंबर को यूके से गुजरात आए थे और फिर भोपाल आए. इनकी RTPCR जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, जिसके बाद इन्हें भर्ती कराया गया .इनके परिवार के चार सदस्यों के सैंपल भी भेजे गए हैं. लेकिन रिपोर्ट आना अभी बाकी है. 42 वर्षीय व्यक्ति 4 तारीख को कनाडा से भोपाल आए थे. इनकी भी RTPCR रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. जिसके बाद कांटेक्ट ट्रेसिंग में दो और लोगों की जांच कराई गई थी. हालांकि उन दोनों की रिपोर्ट नेगेटिव थी.

पिछले 7 दिनों में भोपाल में मिले पॉजिटिव लोगों की संख्या

  • 5 दिसंबर- 5 पॉजिटिव
  • 6 दिसंबर - 8 पॉजिटिव
  • 7 दिसंबर- 6 पॉजिटिव
  • 8 दिसंबर- 7 पॉजिटिव
  • 9 दिसंबर- 5 पॉजिटिव
  • 10 दिसंबर- 8 पॉजिटिव
  • 11 दिसंबर - 7 पॉजिटिव

कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़कर हुई 160

प्रदेश में रविवार को 21 कोरोना पॉजिटिव सामने आए हैं. इनमें भोपाल में 6, इंदौर में 8, रायसेन में 2 और बैतूल, होशंगाबाद ,जबलपुर, सागर और सिंगरौली में 1-1 कोरोना पॉजिटिव मरीज आए हैं. राज्य में कोरोना एक्टिव मरीजों की संख्या अब 160 हो गई है. (MP Corona Update ) रविवार को 16 मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज हुए हैं. प्रदेश में पॉजिटिविटी दर 0.03 फीसदी है. प्रदेश में कोरोना से अब तक 10, 529 मरीजों की मौत हुई है. जबकि भोपाल में यह आंकड़ा 1004 है. ये सरकारी आंकड़े हैं. कई इसमें ऐसे भी लोग शामिल हैं जिनके डेथ सर्टिफिकेट पर रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं लिखी गई थी.

जीनोम सीक्वेंसिंग की मशीन आने से होगा फायदा

मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वाश कैलाश सारंग ने दिल्ली में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया से मुलाकात कर राज्य के लिए जिनोम्स सिक्वेन्सिंग मशीन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था. मांडविया ने भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और रीवा मेडिकल कॉलेज के लिए जिनोम्स सिक्वेन्सिंग मशीनों की स्वीकृति प्रदान कर दी है. इसकी की ट्रेनिंग के लिए मध्यप्रदेश से डॉक्टर असीम रांगनेकर, असिस्टेंट प्रोफेसर. डॉ पी. नागराज, साइंटिस्ट कैटेगरी सी डॉ राजीव कुमार जैन, साइंटिस्ट कैटेगरी बी को ट्रेनिंग दी जाएगी.

इन मशीनों के माध्यम से प्रदेश में ही कोरोना के किसी भी वेरिएंट की जांच और पहचान हो सकेगी. यह प्रदेश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है. प्रदेश में अभी तक जिनोम्स सिक्वेन्सिंग मशीन नहीं होने के कारण सैम्पल दिल्ली भेजने पड़ते थे. जिसके कारण रिपोर्ट आने में काफी विलम्ब होता था. अब प्रदेश में ही पांच मेडीकल कॉलेजों में मशीन होंगी तो जांच रिपोर्ट तुरंत मिल सकेगी.

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