चेन्नई: बैकफुट पर रहने के लिए मजबूर, राज्य भाजपा ने उन अटकलों पर विराम लगा दिया कि नरेंद्र मोदी सरकार तमिलनाडु के पश्चिमी क्षेत्र से एक केंद्र शासित प्रदेश बनाने पर विचार कर रही है. पार्टी ने सोमवार को राज्य भाजपा महासचिव कारू नागराजन की मांग को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने यह दावा करते हुए मांग की थी कि उन्हें इस मुद्दे पर केंद्र की भी सहमति मिल गई है.
पार्टी की ओर से मीडिया के लिए जारी बयान में यह स्पष्ट कर दिया कि भाजपा पदाधिकारियों को पार्टी के रुख के रूप में अपने व्यक्तिगत विचारों को प्रसारित करने और तमिल विरोधी ताकतों के लिए जगह देने से बचना चाहिए. कहा गया है कि कोंगु नाडु की मांग और न तमिलनाडु का विभाजन भाजपा की आधिकारिक स्थिति को नहीं दर्शाता. यह पार्टी का स्टैंड नहीं है कि यह विचाराधीन है.
न तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और न ही महासचिव (संगठन) ने आधिकारिक तौर पर कहीं भी यह नहीं कहा है. पार्टी एक समृद्ध तमिलनाडु और एक मजबूत भारत के लिए खड़ी है. हालांकि, भाजपा की ओर से बयान जारी करने में देरी हो चुकी है. पार्टी को नुकसान हो चुका है और भाजपा राजनीतिक रूप से अलग-थलग खड़ी है.
द्रमुक और सहयोगियों ने रिपोर्ट को किया खारिज
सत्तारूढ़ द्रमुक और उसके सहयोगियों ने रिपोर्टों को खारिज कर दिया है और इसके खिलाफ आवाज बुलंद की है. द्रमुक सांसद कनिमोझी ने रविवार को कहा कि तमिलनाडु को कोई बांट नहीं सकता. इस तरह की चीजों से किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है, राज्य अब एक सुरक्षित सरकार के अधीन है.
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