वाशिंगटन : तालिबान ने जिस तेजी के साथ अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जा किया है, उस पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) और अन्य शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों ने अचंभा जताया. अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना की नियोजित वापसी तत्काल एक सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के मिशन में बदल गई है.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बयान में कहा, जो बाइडन ने अफगानिस्तान में जो किया वह अपूर्व है. इसे अमेरिकी इतिहास की सबसे बड़ी हार के रूप में याद रखा जाएगा.
दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ अफगान नागरिकों ने व्हाइट हाउस के बाहर नारेबाजी की. अफगान नागरिकों ने कहा, 'बाइडन आपने हमें धोखा दिया, आप इन सबके लिए जिम्मेदार हैं.
अफगान सरकार का तेजी से पतन और वहां फैली अराजकता कमांडर इन चीफ के रूप में बाइडन के लिए एक गंभीर परीक्षा की तरह है. रविवार तक प्रशासन की प्रमुख हस्तियों ने माना कि अफगान सुरक्षा बलों के तेजी से हारने से वे अचंभे में हैं क्योंकि उन्होंने ऐसा अनुमान नहीं लगाया था. काबुल हवाई अड्डे पर छिटपुट गोलीबारी की खबरों ने अमेरिकियों को शरण लेने पर मजबूर किया जो उड़ानों की प्रतीक्षा कर रहे थे.
विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अफगान सेना का जिक्र करते हुए सीएनएन को बताया, “हमने देखा कि बल देश की रक्षा करने में असमर्थ है और यह हमारे पूर्वानुमान से बहुत ज्यादा जल्दी हुआ है.
अफगानिस्तान में उथल-पुथल राष्ट्रपति बाइडन पर अवांछित तरीके से ध्यान ले जाता है जिन्होंने बड़े पैमाने पर घरेलू एजेंडों पर ध्यान केंद्रित किया है जिनमें महामारी से उबरना, बुनियादी ढांचे के खर्च में खरबों डॉलर के लिए कांग्रेस की मंजूरी जीतना और मतदान अधिकारों की रक्षा करना शामिल है.
व्हाइट हाउस के अधिकारियों के मुताबिक बाइडन रविवार को कैंप डेविड में रहे जहां उन्हें अफगानिस्तान पर लगातार जानकारी दी जाती रही और वह अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के सदस्यों के साथ कॉन्फ्रेंस कॉल करते रहे. अगले कई दिन यह निर्धारित करने में महत्वपूर्ण हो सकते हैं कि क्या अमेरिका स्थिति पर कुछ हद तक नियंत्रण हासिल करने में सक्षम है.
इस बीच, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि तालिबान का विरोध किए बिना काबुल का पतन होना अमेरिकी इतिहास की सबसे बड़ी हार के रूप में दर्ज होगा.
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तालिबान के काबुल में राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लेने और इसके निर्वाचित नेता अशरफ गनी के अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ देश छोड़कर ताजिकिस्तान चले जाने के बाद ट्रंप ने एक बयान में कहा, जो बाइडन ने अफगानिस्तान में जो किया वह अपूर्व है. इसे अमेरिकी इतिहास की सबसे बड़ी हार के रूप में याद रखा जाएगा.
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने इसे बाइडन प्रशासन की विफलता करार दिया है.