देवघर: बाबा भोलेनाथ निराले हैं और उनके भक्त भी निराले हैं. कुछ ऐसा ही देखने को मिला. बाबा बैद्यनाथ के प्रति भक्तों की आस्था नित नये-नये रूपों में देखने को मिलती है. ऐसा ही एक नजारा 'बिच्छू बम' को देखने (Devotee traveling to Babadham on hand) लोगों की भीड़ उमड़ी.
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हाथ के बल चलकर बाबाधाम की यात्रा:उत्तर प्रदेश के बलिया जिला अंतर्गत नाथनगर रसढ़ा निवासी अशोक गिरि उर्फ मन्नु सोनी बिच्छू बम के तौर पर बाबाधाम पहुंचे हैं. 46 वर्षीय अशोक ने अपने जीवन के 31 साल बाबा भोलेनाथ की भक्ति में लगा दिए. अशोक 11 जुलाई को रक्षाबंधन के दिन सुल्तानगंज में जल भरकर हाथ के बल चलकर बाबाधाम की यात्रा पर निकले और 126 दिनों में वह बाबा नगरी देवघर पहुंचे.
राम मंदिर बनने की खुशी में यात्रा: विश्राम के दौरान अशोक ने बताया कि उन्होंने हरिद्वार जूना अखाड़ा के महंत सत्यगिरि नागा महाराज से दीक्षा ली. कई साधु-संतों ने संकल्प लिया कि राम मंदिर बनने की सूचना मिलते ही 108 फुट का कांवर लेकर हरिद्वार से अमरनाथ की पैदल यात्रा पर निकलेंगे. राम मंदिर बनने की खबर आते ही सभी लोग कहीं न कहीं निकल गये. तब उन्होंने अकेले 108 फुट का धागा संकल्प लेकर अमरनाथ की पैदल यात्रा की. इसके बाद यह यात्रा आजतक रुकी नहीं.
पैदल कांवर यात्रा: 1991 से लेकर 2000 तक सुल्तानगंज से बाबाधाम और यहां से बासुकिनाथ तक पैदल कांवर यात्रा की. इसके बाद तीन साल तक डाक कांवर की भी यात्रा की. 2014 से प्रत्येक पूर्णिमा पर डाक कांवर चढ़ाते आ रहे हैं. अब कान में कुंडल कांवर यानी हाथ के बल चलकर बाबा नगरी और उसके बाद बासुकिनाथ तक जायेंगे. उनके साथ उनके गुरुजी भी दंड देते हुए चल रहे हैं, जो करीब 6 किलोमीटर पीछे हैं. उन्होंने साथ में यह भी कहा कि वह बहुत जल्द भारत भ्रमण को निकलेंगे.