गुवाहाटी: भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक असम की तीन दिवसीय यात्रा पर आज यहां पहुंचे. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गर्मजोशी से स्वागत किया. इसके बाद वांगचुक कामाख्या मंदिर गए जहां उन्होंने मां कामाख्या की पूजा की और पवित्र देवी का आशीर्वाद मांगा. उनके मंदिर दौरे के मद्देनजर नीलाचल पहाड़ियों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी.
कामाख्या का दौरा करने के बाद वांगचुक सीधे रेडिसन ब्लू होटल जाएंगे, जहां वह रात बिताएंगे. राजा दिन में बाद में खानापारा स्थित असम प्रशासनिक स्टाफ कॉलेज में असम में रह रहे भूटानी मूल के लोगों के साथ बातचीत सत्र आयोजित करेंगे. शाही वंशज का असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया द्वारा आयोजित रात्रिभोज पार्टी में भी शामिल होने का कार्यक्रम है.
अपनी यात्रा के दूसरे दिन राजा जोरहाट के लिए उड़ान भरेंगे. यहां से वह सड़क मार्ग से यात्रा करके विश्व प्रसिद्ध काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की समृद्ध जैव विविधता और वन्यजीवन वातावरण का अनुभव करेंगे. रात भर प्रसिद्ध पार्क में रुकने के बाद उनका रविवार को नई दिल्ली के लिए उड़ान भरने का कार्यक्रम है. इस बीच, उनकी यात्रा से पहले, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक की यात्रा पर खुशी व्यक्त की और कहा कि दोनों देशों के बीच एक अनोखा रिश्ता है जो समय के साथ मजबूत हुआ है.
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सरमा ने कहा कि असम के लोग राज्य में पहली बार आए राजा का स्वागत करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने एक्स (ट्विटर) पर कहा, 'भारत और भूटान के बीच एक अनोखा रिश्ता है जो समय के साथ मजबूत होता जा रहा है. ज्ञान और शिक्षा सदियों से इस विशेष बंधन के केंद्र में रहे हैं. कल असम में हम अपने राज्य की पहली आधिकारिक यात्रा पर महामहिम भूटान के राजा का स्वागत करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस यात्रा से दोनों देशों के बीच दोस्ती गहरी होगी.