अहमदाबाद : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक भूपेंद्र पटेल ने जब गुजरात के नये मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, तो वह 1960 में राज्य के गठन के बाद से इस शीर्ष पद को संभालने वाले पाटीदार समुदाय के पांचवें नेता बन गए जो इस प्रभावशाली समुदाय के दबदबे को दर्शाता है.
इकसठ साल पहले राज्य के गठन के बाद से गुजरात में कुल 17 मुख्यमंत्री हुए हैं जिनमें से पांच पटेल समुदाय से हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात में भूपेंद्र पटेल (59) ने मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी ऐसे समय संभाली है जब राज्य में विधानसभा चुनाव होने में लगभग सवा साल का समय बचा है. सत्ताधारी भाजपा द्वारा शीर्ष पद के लिए पटेल को चुना जाना एक आश्चर्य के तौर पर सामने आया.
भाजपा की ओर से उन्हें मुख्यमंत्री बनाये जाने को पार्टी द्वारा 2022 के चुनाव से पहले पाटीदारों को लुभाने और गुजरात पर अपनी पकड़ बनाए रखने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, जहां भाजपा दो दशक से अधिक समय से शासन में है.
भूपेंद्र से पहले ये पाटीदार बने सीएम
भूपेंद्र पटेल से पहले, पाटीदार या पटेल समुदाय से जो चार अन्य मुख्यमंत्री हुए हैं उनमें आनंदीबेन पटेल, केशुभाई पटेल, बाबूभाई पटेल और चिमनभाई पटेल शामिल हैं. अन्य अधिकांश मुख्यमंत्री जैसे मोदी और माधवसिंह सोलंकी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय से थे. गांधीनगर में राजभवन में गुजरात के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले भूपेंद्र पटेल पहली बार विधायक बने हैं और उन्हें आनंदीबेन पटेल का करीबी माना जाता है. आनंदीबेन पटेल ने राज्यव्यापी पाटीदार आरक्षण आंदोलन के हिंसक होने के बाद अगस्त 2016 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
पहले पाटीदार सीएम चिमनभाई पटेल थे
दिवंगत चिमनभाई पटेल एक कांग्रेस नेता थे और वह गुजरात के पहले पाटीदार मुख्यमंत्री थे. उन्होंने जुलाई 1973 में पहली बार पद ग्रहण किया. उन्होंने फरवरी 1974 में 'नवनिर्माण आंदोलन' के परिणामस्वरूप इस्तीफा दे दिया था, जो कॉलेज के छात्रों द्वारा छात्रावास भोजन बिल में वृद्धि के खिलाफ शुरू किया गया एक आंदोलन था. अक्टूबर 1990 में चिमनभाई पटेल एक बार फिर मुख्यमंत्री बने और फरवरी 1994 तक इस पद पर रहे.
बाबूभाई जसभाई पटेल