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गुजरात के नए मुख्यमंत्री बने भूपेंद्र पटेल, राज्यपाल ने दिलाई शपथ

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Published : Sep 13, 2021, 2:20 PM IST

Updated : Sep 13, 2021, 9:51 PM IST

पहली बार के विधायक भूपेंद्र पटेल का नाम शीर्ष पद के लिए सामने आने पर कई लोगों को हैरानी हुई क्योंकि राजनीतिक हलकों में मुख्यमंत्री के लिए जिन नामों की अटकलें चल रही थी, उनमें कहीं भी उनका नाम नहीं था.

गुजरात के नए मुख्यमंत्री बने भूपेंद्र पटेल
गुजरात के नए मुख्यमंत्री बने भूपेंद्र पटेल

गांधीनगर : भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक भूपेंद्र पटेल (bhupendra patel) सोमवार को गुजरात के नए मुख्यमंत्री (New Chief Minister of Gujarat) बने. उन्होंने विजय रूपाणी की जगह ली है. गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने भूपेंद्र पटेल को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.

बता दें, पूर्व सीएम विजय रूपाणी ने राज्य में विधानसभा चुनाव से 15 महीने पहले शनिवार को अचानक पद से इस्तीफा दे दिया था. इससे पहले भूपेंद्र पटेल (59) को रविवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से नेता चुना गया. उन्होंने राज्य के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की.

पहली बार के विधायक पटेल का नाम शीर्ष पद के लिए सामने आने पर कई लोगों को हैरानी हुई क्योंकि राजनीतिक हलकों में मुख्यमंत्री के लिए जिन नामों की अटकलें चल रही थी, उनमें कहीं भी उनका नाम नहीं था. पार्टी सूत्रों ने बताया कि सोमवार के शपथ ग्रहण समारोह में केवल पटेल शपथ लेंगे और गुजरात के नए मंत्रिमंडल के बारे में निर्णय बाद में लिया जाएगा.

गुजरात के नए मुख्यमंत्री बने भूपेंद्र पटेल

गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने पटेल को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए रविवार को आमंत्रित किया. राज्यपाल ने ट्वीट किया कि भाजपा विधायक दल के नए नेता भूपेंद्र भाई पटेल ने अपने नेतृत्व में सरकार बनाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था. प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए उन्हें 13 सितंबर को अपराह्न 2:20 बजे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया गया है. शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भाग लेने के लिए अहमदाबाद पहुंच चुके हैं. शाह ने कल ट्वीट किया था कि मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा-निर्देश में और पटेल के नेतृत्व में राज्य की विकास यात्रा को नयी ऊर्जा और गति मिलेगी.

भाजपा के एक प्रवक्ता ने बताया कि मोदी ने रविवार को पटेल से फोन पर बात की और उन्हें बधाई दी. पटेल इससे पहले राज्य सरकार में मंत्री भी नहीं रहे, जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 साल पहले गुजरात का मुख्यमंत्री बनने से पहले कभी मंत्री नहीं रहे थे. मोदी को सात अक्टूबर, 2001 मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गयी थी और वह राजकोट विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल कर 24 फरवरी, 2002 को विधायक चुने गये थे.

पटेल को मृदुभाषी कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने नगरपालिका स्तर के नेता से लेकर प्रदेश की राजनीति में शीर्ष पद तक का सफर तय किया है. पटेल 2017 के विधानसभा चुनाव में राज्य की घाटलोडिया सीट से पहली बार चुनाव लड़े थे और जीते थे. उन्होंने कांग्रेस के शशिकांत पटेल को एक लाख से अधिक वोटों से हराया था, जो उस चुनाव में जीत का सबसे बड़ा अंतर था. सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा धारी और अपने समर्थकों के बीच ‘दादा’ के नाम से पुकारे जाने वाले पटेल को गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री और अब उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का करीबी माना जाता है. वह जिस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, वो गांधीनगर लोकसभा सीट का हिस्सा है, जहां से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सांसद हैं.

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भाजपा की गुजरात इकाई के अध्यक्ष सी आर पाटिल ने कहा कि जमीनी स्तर पर पटेल का कामकाज, सहकारिता क्षेत्र पर उनकी पकड़, पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ जुड़ाव और प्रशासनिक क्षमताएं जैसे गुणों के कारण उन्हें यह जिम्मेदारी दी गयी है. गुजरात में पाटीदार जाति का वर्चस्व है और बड़ी संख्या में मतदाता इसी जाति के हैं. रूपाणी भाजपा शासित राज्यों में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान पद छोड़ने वाले चौथे मुख्यमंत्री हैं.

पीटीआई-भाषा

Last Updated : Sep 13, 2021, 9:51 PM IST

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