भोपाल।राजधानी भोपाल की निशातपुरा थाना पुलिस ने हनुमान जन्मोत्सव के एक दिन पहले बजरंगी भाईजान बनकर फातिमा नामक बच्ची को उसके परिजन से मिलवाया. बच्ची बजरंगी भाईजान मूवी की मुन्नी की तरह न बोल पा रही थी और न ही कुछ समझ पा रही थी. ऐसे में पुलिस ने आधा दर्जन से अधिक कॉलोनियों में पैदल सर्चिंग अभियान चलाकर महज तीन घंटे में फातिमा के परिजनों को ढूंढ निकाला.
सड़क पर रोते हुए मिली बच्ची: भोपाल की निशातपुरा पुलिस को बुधवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे सूचना मिली कि करोद पीपल चौराहे के पास काली मंदिर के सामने एक बच्ची बैठी रो रही है. थाना प्रभारी के आदेश पर एसआई मोनिका गौर ने ऊर्जा डेस्क की प्रभारी और आरक्षक सुरभि शर्मा के साथ जाकर बच्ची को रेस्क्यू किया. बातचीत करने पर बच्ची कुछ बता नहीं पा रही थी. काफी कांउसिलिंग करने के बाद भी उसने कुछ नहीं बताया. इसकी उम्र करीब 8 साल है. मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी और इसके बाद परिजनाें की तलाश शुरू की.
ठीक से बोल नहीं पा रही थी बच्ची: एसआई मोनिका गौर, आरक्षक सुरभि शर्मा के साथियों ने टीम बनाकर पीपल चौराहा, रुसल्ली नगर, विवेकानन्द नगर में तलाशी की. लेकिन यहां कोई सफलता नहीं मिली. दोबारा बच्ची से उसके घर का पता पूछने का प्रयास किया, लेकिन वो बता नहीं पाई. इसके बाद टीम ने दोबारा होण्डा शोरुम, मुरली नगर तरफ जाकर बच्ची का घर तलाशने का प्रयास किया. इसी दौरान एक महिला बदहवास हालत में दिखाई दी. पूछने पर पता चला कि उसकी बच्ची खो गई. जब गाड़ी में बच्ची को दिखाया तो वे उसे पहचान गई. मां का नाम रुखसार था और वह सिंगल मदर है. उन्होंने पुलिस को बताया कि ''मेरी बेटी का नाम फातिमा है उसे हम इकरा कहकर बुलाते हैं. फातिमा बचपन से ही मानसिक रूप से थोड़ी कमजोर है और ठीक से बोल नहीं पाती है. पति के देहांत के बाद रुखसार ही घर चलाती है और काम के कारण बच्ची को घर में छोड़कर चली गयी थी. जब वापस और बेटी नहीं मिली तो उसे आस-पास ढूंढ रही थी.''