भोपाल। ब्राम्हणों पर की गई एक टिप्पणी को लेकर जब एमपी की सियासत गर्माई हुई है. ऐसे में मध्यप्रदेश के एक मुस्लिम आईएएस अफसर ने ब्राम्हणों को ही अपने शोध का विषय बनाया है. ये उनकी पीएचडी का विषय बेशक नहीं है. लेकिन आइएएस नियाज खान पिछले दस महीनों से ब्राम्हणों के तीन हजार साल पुराने इतिहास काे खंगाल रहे हैं. इसके लिए वह वेद उपनिषदों का अध्ययन कर रहे हैं. वह यह भी जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर ब्राम्हणों में क्या अलग था. समाज में वर्ण व्यवस्था लागू करने से लेकर समाज को पथप्रदर्शक बन जाने तक समाज ने हर बार मार्गदर्शन के लिए ब्राम्हण का ही मुंह क्यों देखा जाता है. नियाज खान इसे जल्द ही किताब की शक्ल में सामने लाएंगे. हिंदी और अंग्रेजी दो भाषाओं में ये किताब होगी. (Bhopal soon make more revelations in his book)
Bhopal Muslim IAS: मुस्लिम आईएएस ने बताया ब्राह्मणों को सर्वश्रेष्ठ, जल्द अपनी किताब में करेंगे और खुलासे
सनातन धर्म का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है, यह तो सभी मानते भी हैं. फिर भी आये दिन देश में ब्राह्मणों को लेकर किसी न किसी रूप में विवाद होता रहता है.अपने बयानों से हमेशा चर्चा में रहने वाले मध्यप्रदेश के आईएएस नियाज खान ने इस बात का एलान कर दिया है कि ब्राह्मण ही सर्वश्रेष्ठ हैं. ब्राह्मण क्यों श्रेष्ठ हैं इसके लिए उन्हाेंने बकायदा सनातन धर्म के तीन हजार वर्ष पुराने गौरवमयी इतिहास का अध्ययन किया है. अपनी इस रिचर्स को वह जल्द एक किताब के रूप में सबके सामने लाने वाले हैं. जिसमें वह और रहस्यों से पर्दा उठायेंगे. (MP Bhopal Muslim IAS told Brahmins best) (MP Bhopal Niaz Khans role model is Chanakya)
जानिए ब्राम्हण क्यों श्रेष्ठ हैंः हमेशा अपने विवादित बयानों और ट्वीट के जरिए सुर्खियों में रहने वाले आइएएस नियाज खान इस बार चर्चा में आए तो ब्राम्हणों को लेकर किए जा रहे उनके गहन अध्ययन की वजह से. वेद उपनिषद पढ़ लेने के साथ आइएएस नियाज खान इस शोध में जुटे हैं कि आखिर वो क्या कारण रहे कि जिनकी वजह से ब्राम्हणों को समाज में श्रेष्ठ की संज्ञा दी गई. नियाज खान कहते हैं, केवल ब्राम्हण हैं जिनका तीन हजार साल का स्वर्णिम इतिहास है. उनके बौद्धिक कौशल की क्षमता अद्वितीय है. ये ब्राम्हण ही तो थे, जिन्होंने वर्ण व्यवस्था बनाई समाज को एक आकार दिया. आज जो पर्यावरण की चिंता हो रही है वेद पढ़ने वाला हर व्यक्ति जानता है कि पर्यावरण की अलख तो कितने बरसों पहले जगाई जा चुकी है वेदों में. इंद्रदेव की कृपा से वर्षा होती है. यानि ऋतुओं को भी ईश्वर से जोड़ा गया है. ताकि मनुष्य बदलती ऋतुओं के साथ पर्यावरण का सम्मान करना सीखे. एक मुस्लिम आइएएस से ये सुनना हैरान करता है. लेकिन नियाज खान अपने अध्ययन को विस्तार देते कहते हैं कि धरती पर जीवन आया लेकिन जीवन कैसा होगा ये विचार संस्कार तो ब्राम्हण ने ही दिया है. (MP Bhopal Niaz Khans role model is Chanakya)
नियाज खान का आदर्श हैं चाणक्यः सवाल ये है कि पिछले कई बरसों में अपने विवादित बयानों और ट्वीट के जरिए एमपी की ब्यूरोक्रेसी में छाए रहे नियाज खान का ब्राम्हण प्रेम जागा कैसे. वह जवाब में कहते हैं कि चाणक्य को मैं पढ़ता रहा हूं. सच कहूं तो ये शोध जो शुरु हुआ इसकी प्रेरणा भी उन्हीं से मिली. चाणक्य कौटिल्य ये मेरे आदर्श हैं. ब्राम्हण समाज में ऐसे ही आदर्श मिलते हैं. महर्षि दधिचि जैसे जिनकी अस्थियों से बनें वज्र से देवता इंद्र ने असुरों का संहार किया था. नियाज खान कहते हैं अभी एक विद्यार्थी की तरह मैं दुनिया के सबसे पुराने और समृद्ध समाज का अध्ययन कर रहा हूं. (Bhopal thought of life given by the Brahmin)