भोपाल। मोहन भागवत के मुंबई में दिए गए बयान के बाद बवाल बढ़ता ही जा रही है. अब उसने राजनीतिक रूप ले लिया है. मोहन भागवत ने अपने बयान में कहा था कि जाति वर्ण पंडितों ने बनाई, वो गलत था. इसे लेकर पूर्व मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से सवाल पूछा है. मोहन भागवत के बयान पर सवाल पूछने के साथ दिग्विजय सिंह ने एक नई बहस शुरू कर दी है. दिग्विजय सिंह ने पूछा है कि क्या मोहन भागवत कृपया स्पष्ट करेंगे कि हमारे कौन से "शास्त्र" झूठ बोल रहे हैं? भागवत यह भी कहा था कि कुछ पंडित 'शास्त्रों' के आधार पर जो कहते हैं वह झूठ भी होता है.
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मुंबई में भागवत ने कहा था कि जाति-वर्ण पंडितों ने बनाएः मुंबई में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा है कि भगवान ने कोई जाति नहीं बनाई, बल्कि ये काम पुजारियों का है. एक कार्यक्रम में भागवत ने कहा कि हमारी समाज के प्रति भी ज़िम्मेदारी है. जब हर काम समाज के लिए है तो कोई ऊंचा, कोई नीचा या कोई अलग कैसे हो गया? भगवान ने हमेशा बोला है कि मेरे लिए सभी एक है, उनमें कोई जाति, वर्ण नहीं है, लेकिन पंडितों ने श्रेणी बनाई, वो गलत था. दिग्विजय सिंह हमेशा बीजेपी के निशाने पर रहते हैं, जाहिर है इस मामले पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा दिग्विजय सिंह और कांग्रेस पार्टी के लिए कहा है कि यदि शास्त्र पढ़े होते तो दिग्विजय सिंह को इस तरह से बोलने की नौबत नहीं आती.
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हमारे शास्त्र सिखाते हैं प्राणियों में सद्भाव हो-पंकज चतुर्वेदीः बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि हमारे शास्त्र कहते हैं, प्राणियों में सद्भाव हो, कहीं किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए. चाहे पंडित दीनदयाल हो, श्यामा प्रसाद मुखर्जी हो या गांधी जी हो सभी ने वर्गों की समानता के लिए लड़ाई लड़ी. यह दर्शाता है की वर्गों में समानता न होने की लंबी लड़ाई आदि कॉल से चल रही है. डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भी वर्गों की समानता के लिए काम किया. शास्त्रों में भी समानता के भाव को प्राथमिकता दी गई है. ऐसे में यदि परम पूज्य मोहन भागवत जो कह रहे हैं वो सही है, दिग्विजय सिंह को सिर्फ हिंदू धर्म में आतंकवाद दिखता है. बेहतर हो कि आप लोगों में सद्भाव पैदा करने का काम करें.