भोपाल।केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में आयोजित 'हिन्दी में ज्ञान के प्रकाश' कार्यक्रम में सिंगल क्लिक के माध्यम से मेडिकल पाठ्यक्रम की प्रथम वर्ष की हिन्दी पुस्तकों का विमोचन किया. सबसे पहले गृह मंत्री एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और भगवान धन्वंतरि और मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की. इस मौके पर सीएम शिवराज ने कहा कि आज मध्यप्रदेश के लाखों बच्चे जो प्राथमिक शिक्षा में अंग्रेजी माध्यम में नहीं पढ़े, उनकी जिंदगी में एक नया सवेरा हुआ है. वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, प्रधानमंत्री मोदी जी ने नई शिक्षा नीति में बच्चों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा देने पर बल दिया है. इसके अलावा एमपी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में प्रारंभ कर ऐतिहासिक कार्य किया है."
भारतीय शिक्षा क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक दिन:इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सुबह 11:50 पर भोपाल पहुंचे. राजा भोज एयरपोर्ट पर गृहमंत्र नरोत्तम मिश्रा और सहकारिता मंत्री ने उनकी अगवानी की. इसके बाद 12 बजे एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर द्वारा कार्यक्रम स्थल लाल परेड ग्राउंड पहुंचे. जहां उन्होंने एनॉटामी, फिजियोलॉजी और बायोक्रेमेस्ट्री की हिंदी किताबों का विमोचन किया. विमोचन से पहले गृहमंत्री ने कहा था कि, आज भारतीय शिक्षा क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक दिन है, जब मध्य प्रदेश के भोपाल में मेडिकल की पढ़ाई को हिंदी में शुरू किया जा रहा है। भारतीय भाषाओं के सशक्तिकरण के पीएम मोदी के संकल्प की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, जिससे बच्चे अपनी भाषा में पढ़ाई कर पाएंगे.
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अंग्रेजी नहीं बनेगी राह में बाधा:लाल परेड ग्राउंड में आयोजित 'हिन्दी में ज्ञान के प्रकाश' कार्यक्रम में मंत्री विश्वास सारंग ने बच्चों से संवाद किया. उन्होंने कहा कि बड़े ही गर्व का विषय है की मध्यप्रदेश हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई शुरू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. अब आपके सपनों को पूरा करने के लिए कमजोर अंग्रेजी आपके राह में बाधा नहीं बनेगी.
आज का दिन ऐतिहासिक:कार्यक्रम के दौरान सीएम शिवराज ने कहा कि, "आज हम सब के सौभाग्य से इस ऐतिहासिक दिन, इस कार्यक्रम में पधारे हुए भारत के गृह एवं सहकारिता मंत्री जिन्होंने देश को आतंकवाद से मुक्त कर दिया है आदरणीय शाह का स्वागत वंदन अभिनंदन है. आज का दिन ऐतिहासिक है, मध्यप्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में होगी, इसका शुभारंभ हो रहा है. इसकी शुरुआत करने देश के माननीय गृह मंत्री शाह हमारे बीच भोपाल आए हैं. मेरे बच्चों, मैं जानता हूं कि हिन्दी के माध्यम के बच्चे मेडिकल में एडमिशन प्राप्त कर लेते थे, लेकिन अंग्रेजी ठीक से न जानने के कारण उन्हें पढ़ाई कई बार बीच में छोड़नी पड़ती थी. अब ऐसा नहीं होगा." उन्होंने कहा कि, "गरीब एवं कमजोर परिवारों के बच्चे जो अंग्रेजी में प्रवीण नहीं थे, उन्हें मेडिकल की पढ़ाई से वंचित होना पड़ता था. ऐसी प्रतिभाएं कुंठित हो जाती थीं और उज्ज्वल भविष्य बनने से रह जाता था, अब ऐसी बाधाएं नहीं रहेंगी.आज पूरा मध्य प्रदेश आह्लादित है, प्रसन्न है और मेरा तो रोम-रोम खिला हुआ है. एक संकल्प पूरा हो रहा है और एक सपना साकार हो रहा है."
मातृभाषा में कर सकते हैं संपूर्ण कार्य:सीएम शिवराज ने कहा कि, "आजादी के बाद जिन सरकारों पर हिंदी को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी थी, वह खुद अंग्रेजी के गुलाम थे, उन्होंने हिंदी के लिए प्रयास नहीं किया और नतीजा यह हुआ कि अपनी हिंदी भाषा में योग्य प्रतिभाओं को मौका नहीं मिला.अंग्रेजी का ऐसा हौव्वा बनाया गया कि भोपाल में टीटी नगर और एमएलबी कहा जाने लगा, देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वाले स्वतंत्रता सेनानी श्रद्धेय तात्या टोपे जी और वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई जी को भुला दिया गया. अपने लाभ के लिए कुछ लोगों ने ऐसा वातावरण बना दिया कि अंग्रेजी के बिना काम नहीं चलेगा. हम भूल गये कि अपनी मातृभाषा में ही हम अपना संपूर्ण कार्य कर सकते हैं, यह सामर्थ्यवान भाषा है."
Brain Drain को पीएम ने बदला Brain Gain में:मेडिकल की हिंदी पुस्तकों का विमोचन करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, "आज का दिन भारत के शिक्षा क्षेत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है, इतिहास में आज के दिन को स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा. यह क्षण जो है पूरे देश में शिक्षा क्षेत्र के पुनर्जागरण क्षण हैं, पुनर्निर्माण का क्षण है. प्रधानमंत्री मोदी जी ने स्थानीय भाषाओं में उच्च शिक्षा का संकल्प व्यक्त किया था, उसे मध्यप्रदेश में शिवराज जी के नेतृत्व में साकार किया गया. आज मैं प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त करता हूं. प्रधानमंत्री जी ने नई शिक्षा नीति में बच्चों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा देने पर बल दिया है, तो वहीं एमपी मुख्यमंत्री ने मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में प्रारंभ कर ऐतिहासिक कार्य किया है." उन्होंने कहा कि, "गुलामी के दौर में अंग्रेजों ने भारत की प्रतिभाओं के Brain Drain के लिए व्यवस्था की, जिसे अब प्रधानमंत्री जी ने Brain Gain में बदल दिया है. अपनी भाषा में शिक्षा से बच्चों की प्रतिभा और निखरेगी. मैं मुख्यमंत्री चौहान और चिकित्सा शिक्षा मंत्री सारंग को हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई के इस अभिनव प्रयास के लिए बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं."
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